महराजगंज: सड़क के लिए तरस रहे ग्रामीण, नालियों की बजाय सड़कों पर बह रहा गांव का पानी
जिले के एक गांव में लोगों की हालत इतनी ज्यादा बुरी है कि वहां जिंदगी किसी नरक से कम नहीं है। विकास के नाम पर वोट मांगने वाले नेता आज नींद ले रहे हैं। नालियों से ज्यादा बुरी हालत है सड़कों की। पढ़ें डाइनामइट न्यूज़ की ये खास खबर..
महराजगंज: जिले के एक गांव में लोगों का सड़क पर बहते पानी के कारण जीना मुश्किल हो रहा है। सड़क का हाल नाली से भी बत्तर है, जिससे कई तरह की बिमारियां हो रही हैं। लोगों का कहना है कि चुनाव के समय कई नेता ने आकर विकास के वादे किए थें, लेकिन अब सब विकास के नाम पर सो रहे हैं।
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महराजगंज जिले से करीब 5 किलोमीटर की दूरी पर लेदवा एक गांव है जहां लोग बहुत बड़ी तायदात में हैं लेकिन वहाँ रहना किसी नरक से कम नही लगता।आज लेदवा गाँव के लोगों ने अपने गाँव के विकास की पोल जब डाइनामाइट न्यूज़ को अवगत करवाया तो वास्तव में उस गांव की सड़के किसी नाले से कम नही हैं। वहीं ग्रामीणों का कहना है कि हमने कई बार अपने गाँव के इस समस्या को लेकर ग्राम प्रधान के सामने अपनी बातों को रखा लेकिन हमारी बातों से प्रधान के रसूख पर कोई असर नही पड़ता है।
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ग्रामीणों ने इसकी शिकायत ब्लाक स्तर पर भी की तो इस मामले में यहाँ के जर्जर हालत की सुध लेने ब्लाक स्तर के अधिकारी आये।लेकिन साहब आते तो हैं,लेकिन वहाँ जाने के बाद ठंडे बस्ते में सो जाते हैं।ग्रामीणों ने बताया कि चुनावी सरगर्मी में प्रधान और क्षेत्र के बड़े-बड़े दिग्गज नेताओं का हुजूम उमड़ जाता है विकास के नाम पर वोट के लिए लेकिन जब वास्तव में विकास की बात आती है तो सब घोड़े बेचकर सो जाते हैं और चुनाव के पहले तो बाबूजी, चाचाजी, माताजी,व मामाजी जैसे मधुर वचनों से दिल मोह लेते ही वह यहाँ से चले जाते हैं।
चुनाव के बाद जब हम उनके पास जाते हैं तब हम वही पुरानी कहावत दोहराते हैं,, अरे भाई! वहीं हम जिसके मामा हैं,,!ग्रामीणों का साफ तौर पर कहना है कि भारत सरकार के स्वच्छ भारत व स्वस्थ भारत की अभिलाषा को आलाधिकारियों ने विकास की आँखों पर पट्टी बांध दी है। वही उस गांव में पैदल चलना ही नहीं बाइक और गाड़ियों तक की हालत जर्जर हो गई है। सड़क किनारे बसे लोग बीमारियों को गले लगाने को बेहद मजबूर हो गए हैं।