ट्रंप के बयान पर विपक्ष का हंगामा.. रक्षा मंत्री बोले, कश्मीर पर मध्यस्थता का औचित्य ही नहीं
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बयान को लेकर विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए सरकार ने कहा कि जम्मू कश्मीर को लेकर किसी भी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता स्वीकार करने का कोई औचित्य नहीं है तथा पाकिस्तान के साथ जब कभी भी कश्मीर पर बात होगी तो पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर पर भी बात होगी।
नयी दिल्ली: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बयान को लेकर विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए सरकार ने कहा कि जम्मू कश्मीर को लेकर किसी भी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता स्वीकार करने का कोई औचित्य नहीं है। पाकिस्तान के साथ जब कभी भी कश्मीर पर बात होगी तो पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर पर भी बात होगी
Defence Minister Rajnath Singh in Lok Sabha: As S Jaishankar ji (External Affairs Minister) said Kashmir issue was not discussed in President Trump & PM Modi meeting. There is no question of mediation in Kashmir issue as it will be against the Shimla agreement. pic.twitter.com/pdopP9P98U
— ANI (@ANI) July 24, 2019
लोकसभा में शून्यकाल में कांग्रेस के नेता अधीररंजन चौधरी एवं अन्य सदस्यों द्वारा अमेरिकी राष्ट्रपति के बयान पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बयान की मांग किये जाने पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने यह बात कही। लेकिन रक्षा मंत्री के बयान देने से असंतुष्ट कांग्रेस एवं अन्य विपक्षी दलों ने सदन से बहिर्गमन किया।
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श्री सिंह ने कहा कि यह बात सही है कि जून में प्रधानमंत्री श्री मोदी और श्री ट्रंप के बीच बातचीत हुई थी। उसके संबंध में श्री ट्रंप के बयान के बाद विदेश मंत्री ने जो कहा है, वह पूर्ण रूप से प्रामाणिक है। विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर स्वयं भी बातचीत में मौजूद थे और उन्होंने कहा है कि कश्मीर पर दोनों नेताओं के बीच कोई बातचीत नहीं हुई थी। इससे अधिक प्रामाणिक बात और क्या हो सकती है।
उन्होंने कहा कि शिमला समझौते के कारण कश्मीर के मसले पर किसी भी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता स्वीकार नहीं की जा सकती है और मध्यस्थता स्वीकार करने का कोई औचित्य भी नहीं है। मध्यस्थता इसलिए भी नहीं स्वीकार की जा सकती है क्योंकि यह हमारे राष्ट्रीय स्वाभिमान की बात है। उन्होंने कहा कि कश्मीर के मुद्दे पर पाकिस्तान के साथ जब भी कोई बात होगी तो उसमें पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू कश्मीर के बारे में भी बात होगी।
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इससे पहले कांग्रेस के नेता ने मांग की कि ट्रंप का बयान सही भी हो सकता है और गलत भी हो सकता है। लेकिन दो दिन हो गये हैं, ना तो प्रधानमंत्री ने और ना ही श्री ट्रंप ने इसका खंडन किया है। इससे संदेह पैदा हो रहा है। इसलिए उनकी मांग है कि प्रधानमंत्री सदन में आएं और स्पष्टीकरण दें। इसमें कुछ भी गलत नहीं है। द्रविड़ मुनेत्र कषगम के नेता टी आर बालू ने कहा कि उनकी मांग है कि भारत के प्रधानमंत्री भारत की संसद में आयें।
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सरकार की ओर से जैसे ही रक्षा मंत्री वक्तव्य देने के लिए खड़े हुए, वैसे ही कांग्रेस एवं अन्य विपक्षी सदस्य विरोध करने लगे और प्रधानमंत्री के सदन में नहीं आने एवं जवाब नहीं देने से नाराज़ हो कर सदन से वाक आउट कर गये। इस पर रक्षा मंत्री ने कहा कि कांग्रेस संसदीय दल के नेता ने आश्वासन दिया था कि वे सत्तापक्ष से जो भी बोलेगा, उसे सुनेंगे लेकिन उन्होंने वादाखिलाफी की है जो बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र की खूबसूरती यह है कि यह परस्पर विश्वास एवं वचनबद्धता से चलता है लेकिन कांग्रेस के नेता ने इसका परिचय नहीं दिया। (वार्ता)