Lok Sabha Election: दिल्ली में विपक्षी गठबंधन 'इंडिया' में पड़ सकती दरार, कांग्रेस सभी सात लोकसभा सीटों पर लड़ेगी चुनाव, जानिये क्या बोली आप
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को पार्टी की दिल्ली इकाई के वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक की, जिसमें राष्ट्रीय राजधानी की सभी सात सीटों पर लोक सभा चुनाव लड़ने की तैयारी करने और जमीनी स्तर पर संगठन को मजबूत करने का फैसला किया गया। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
नयी दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को पार्टी की दिल्ली इकाई के वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक की, जिसमें राष्ट्रीय राजधानी की सभी सात सीटों पर लोक सभा चुनाव लड़ने की तैयारी करने और जमीनी स्तर पर संगठन को मजबूत करने का फैसला किया गया।
सूत्रों का कहना है कि दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के नेताओं ने आम आदमी पार्टी के साथ लोकसभा चुनाव में गठबंधन का फैसला पार्टी नेतृत्व पर छोड़ दिया, हालांकि पार्टी की राज्य इकाई के ज्यादातर नेताओं की राय गठबंधन के खिलाफ है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार कांग्रेस का दिल्ली की सभी सात सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा से दिल्ली में विपक्षी दलों के गठबंधन "इंडिया" में दरार पड़ सकती है, क्योंकी आम आदमी पार्टी (आप) भी "इंडिया" में शामिल है। आप का दिल्ली में मजबूत जनाधार है, ऐसे में वह भी हर कीमत पर दिल्ली की सभी सात सीटों पर चुनाव लड़ सकती है।
कांग्रेस और आम आदमी पार्टी विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) के घटक दल हैं। कांग्रेस ने दिल्ली में सेवाओं से संबंधित विधेयक के मुद्दे पर पिछले दिनों संसद के मानसून सत्र में दोनों सदनों में आम आदमी पार्टी का समर्थन किया था, जबकि संदीप दीक्षित और अजय माकन जैसे कई नेताओं की राय इस मुद्दे पर अलग थी।
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दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के नेताओं के साथ कांग्रेस अलाकमान की बैठक में संगठन महासचिव के.सी. वेणुगोपाल, पार्टी के दिल्ली प्रभारी दीपक बाबरिया, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष चौधरी अनिल कुमार, वरिष्ठ नेता अजय माकन, जयप्रकाश अग्रवाल और कई अन्य नेता मौजूद थे।
बैठक के बाद कांग्रेस नेता अलका लांबा ने कहा कि कांग्रेस दिल्ली की सभी सात सीटों पर चुनाव लड़ सकती है और नेताओं से सातों सीटों पर जनता के बीच निकलने के लिए कहा गया है।
उनके इस बयान को लेकर आम आदमी पार्टी की मुख्य प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की और कहा कि कांग्रेस ने इस तरह का फैसला कर लिया है तो फिर मुंबई में 31 अगस्त और एक सितंबर को होने वाली विपक्ष की बैठक में ‘आप’ के शामिल होने का कोई मतलब नहीं है।
प्रियंका ने कहा, ‘‘अगर कांग्रेस ने मन बना लिया है कि दिल्ली में वो हमारे साथ गठबंधन नहीं करेंगे तो ‘इंडिया’ की बैठक में शामिल होने और अपना समय बर्बाद करने का कोई मतलब नहीं है। हमारा शीर्ष नेतृत्व तय करेगा कि ‘इंडिया’ गठबंधन की अगली बैठक में शामिल होंगे या नहीं।’’
कांग्रेस और आम आदमी पार्टी विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) के घटक दल हैं। कांग्रेस ने दिल्ली में सेवाओं से संबंधित विधेयक के मुद्दे पर पिछले दिनों संसद के मानसून सत्र में दोनों सदनों में आम आदमी पार्टी का समर्थन किया था, जबकि संदीप दीक्षित और अजय माकन जैसे कई नेताओं की राय इस मुद्दे पर अलग थी।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता को बैठक में शामिल रहे एक नेता ने कहा, ‘‘दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के ज्यादातर नेताओं की राय यही है कि आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस का जनाधार छीना है और ऐसे में पार्टी को उस जनाधार को फिर से हासिल करने के लिए प्रयास करना चाहिए। हमारी तैयारी सभी सात लोकसभा सीटों पर होगी। गठबंधन को लेकर कांग्रेस नेतृत्व जो भी फैसला करेगा, वो सभी लोग मानेंगे।’’
पिछले लोकसभा चुनाव में दिल्ली की सभी सात सीटों पर कांग्रेस का सूपड़ा साफ हो गया था । हालांकि त्रिकोणीय मुकाबले में मत प्रतिशत के लिहाज से कांग्रेस भाजपा के बाद दूसरे स्थान पर रही थी।