झारखंड में मेरी सरकार के दौरान भूख से कोई मौत नहीं हुई: सोरेन

डीएन ब्यूरो

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बृहस्पतिवार को कहा कि पिछली सरकारों के उलट, उनकी सरकार के तहत राज्य में भूख से कोई मौत नहीं हुई है। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन


जमशेदपुर:  झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बृहस्पतिवार को कहा कि पिछली सरकारों के उलट, उनकी सरकार के तहत राज्य में भूख से कोई मौत नहीं हुई है।

सोरेन ने भारतीय जनता पार्टी का नाम लिए बिना आरोप लगाया कि झारखंड राज्य का गठन होने के बाद से दो दशकों से अधिक समय तक सत्ता में रहने के बावजूद विपक्षी दल (भाजपा) ने गरीब किसानों, युवाओं, बुजुर्गों और विधवाओं के लिए कुछ नहीं किया और अब वह उनकी सरकार पर उंगली उठा रही है। सोरेन ने कहा, ‘‘इन्हें दूर से पत्थर फेंकने की आदत है।’’

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार सोरेन पूर्वी सिंहभूम जिले के पोटका खंड में 'आपकी योजना, आपकी सरकार, आपके द्वार' (एवाईएएसएडी) कार्यक्रम में एक सभा को संबोधित कर रहे थे।

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सोरेन ने दावा किया कि पिछली सरकारों में भूख से कई मौतें हुईं, जबकि उनके पास राशन कार्ड था। उन्होंने कहा, 'उन्होंने (पिछली सरकारों ने) 11 लाख लोगों के राशन कार्ड समाप्त कर दिए थे, जबकि हमारी सरकार ने सत्ता में अपने छोटे से कार्यकाल के भीतर 20 लाख ग्रीन राशन कार्ड जारी किए हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘राज्य में पूर्ववर्ती ‘डबल इंजन’ सरकार के उलट, हमने किसी को भी भूख से मरने नहीं दिया, यहां तक कि कोविड ​​महामारी के दौरान भी... हमारी सरकार सभी के लिए 'रोटी, कपड़ा और मकान' सुनिश्चित करने के लिए काम कर रही है।’’

सोरेन ने विपक्ष पर गरीबों के आंसू पोंछने के बजाय हिंदू-मुस्लिम, आदिवासी-गैर-आदिवासी और अगड़े-पिछड़े की राजनीति में उलझकर समाज में नफरत फैलाने का आरोप लगाया।

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सोरेन ने कहा कि एवाईएएसएडी कार्यक्रम 2021 में शुरू किया गया था। उन्होंने कहा, ‘‘हमने सरकारी अधिकारियों को उनके वातानुकूलित कमरों से बाहर निकाल कर गांवों में एवाईएएसएडी कार्यक्रम में लगाया। कार्यक्रम के पहले दो चरणों में, क्रमशः 35 लाख और 55 लाख आवेदन प्राप्त हुए और सभी समस्याओं का समाधान उनके घर पर ही किया गया।’’

सोरेन ने कहा कि उनकी सरकार ने अबुआ आवास योजना के लिए 1,500 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं, जिसके तहत गरीबों के लिए तीन कमरों के घर बनाए जाएंगे।

उन्होंने कहा कि 60,000 युवाओं को पहले ही निजी क्षेत्र में नौकरियां मिल चुकी हैं और भविष्य में कई और को भी मिलेगी।










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