रायबरेली: गंगा तट पर शवों की भरमार, दाह संस्कार के बजाए रेत में दफनाये जा रहे शव
केंद्र सरकार की नमामि गंगे योजना के तहत गंगा की सफाई के नाम पर अरबों रुपये का बजट खर्च किया जाता है। तरह-तरह के जागरूकता कार्यक्रम चलाये जाते हैं। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
रायबरेली: केंद्र सरकार की नमामि गंगे योजना के तहत गंगा की सफाई के नाम पर अरबों रुपये का बजट खर्च किया जाता है। तरह-तरह के जागरूकता कार्यक्रम चलाये जाते हैं। कागजों में तो यह योजना अच्छी नजर आती है लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही कहानी बयां करती है। जिलों में बैठे जिम्मेदार अधिकारी सरकार की छवि और योजना को फेल करने में लगे हैं। रायबरेली के गेगासो गंगा घाट किनारे सैकड़ों शवो गंगा की रेत में दफना दिए गए। जिन्हें रंगीन कपड़ो के नीचे और छोटे छोटे गड्ढे में देखा जा सकता है।
गंगा की रेत में 1 से 2 फुट मात्र की गहराई में ही डेडबाँडी को गाड़ा जा रहा है। जैसे ही बारिश शुरू होती है शव गंगा नदी में ऊपर तैरने लगते हैं और उसकी दुर्गंध से ग्रामीणो को परेशान होती हैं। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सख्त निर्देश दिए थे की कोई भी शव गंगा की रेत में नहीं दफनाया जाएगा। अंतिम संस्कार शवों को जलाकर किया जाएगा। जिससे गंगा नदी साफ व स्वच्छ बनी रहे।
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एक स्थानीय निवासी ने बताया की लाशों को दफनाने की जगह जला देना चाहिए। गांव में चारों तरफ लाश में बहती हैं। यहां पर्यावरण प्रदूषण बहुत होता है।
यूपी के अलग-अलग जिलो में बारिश के बाद इंसानियत को झंझोड़ने वाला निर्मम दृश्य देशने को मिल रहा है, डाइनामाइट न्यूज़ भी सभी से अपील करता है अपने प्रियजनो का अंतिम संसकार पूरे विधी विधान से करे जिससे उनकी आत्मा को भी शांति मिले और पर्यावरण भी दूषित ना हो।
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