Health: ये 3 लक्षण बताते हैं कि एनिमिया के शिकार हो गए हैं आप, जानें बचाव के तरीके
एनीमिया का अर्थ है, शरीर में खून की कमी। हमारे शरीर में हिमोग्लोबिन एक ऐसा तत्व है जो शरीर में खून की मात्रा बताता है। डाईनामाइट न्यूज़ पर जानिए एनिमिया के लक्षण और बचाव..
नई दिल्लीः एनीमिया का अर्थ है, शरीर में खून की कमी। हमारे शरीर में हिमोग्लोबिन एक ऐसा तत्व है जो शरीर में खून की मात्रा बताता है। पुरुषों में इसकी मात्रा 12 से 16 प्रतिशत तथा महिलाओं में 11 से 14 के बीच होना चाहिए।
हमारे खून में दो तरह के कण होते हैं एक सफेद कण दूसरा लाल कण जब हमारे शरीर के रक्त में लाल कणों की कमी आ जाती है तो इससे मानव शरीर में खून की कमी हो जाती है जिसे मेडिकल भाषा में एनीमिया भी कहा जाता है।
भारत में 80 प्रतिशत से अधिक गर्भवती महिलाएं एनीमिया से पीड़ित हैं।एनीमिया एक गंभीर बीमारी है। इसके कारण महिलाओं को अन्य बीमारियां होने की संभावना और बढ़ जाती है।एनीमिया से पीड़ित महिलाओं की प्रसव के दौरान मरने की संभावना सबसे अधिक होती है।
लक्षण
1. त्वचा का सफेद दिखना।जीभ, नाखूनों एवं पलकों के अंदर सफेदी। कमजोरी और बहुत अधिक थकावट।
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2. हृदयगति का तेज होना।
3. चक्कर आना- विशेषकर लेटकर एवं बैठकर उठने में। चेहरे और पैरों पर सूजन दिखाई देना।
बेहोश होना, सांस फूलना, आदि लक्षण हो सकते है।
कारण
1. मलेरिया के बाद जिससे लाल रक्त करण नष्ट हो जाते हैं। किसी भी कारण रक्त में कमी जैसे-- शौच, उल्टी, खांसी के साथ खून का बहना,माहवारी में अधिक मात्रा में खून जाना,पेट के कीड़ों व परजीवियों के कारण खूनी दस्त लगना, पेट के अल्सर से खून जाना,बार-बार गर्भ धारण करना।
उपचार और रोकथाम
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1. अगर एनीमिया मलेरिया या परजीवी कीड़ों के कारण है, तो पहले उनका इलाज करें। विटामिन 'ए' एवं 'सी' युक्त खाद्य पदार्थ खाएं। लौह तत्वयुक्त चीजों का सेवन करें। गर्भवती महिलाओं और किशोरी लड़कियों को नियमित रूप से 100 दिन तक लौह तत्व व फॉलिक एसिड की 1 गोली रोज रात को खाने खाने के बाद लेनी चाहिए।
2. भोजन के बाद चाय के सेवन से बचें, क्योंकि चाय भोजन से मिलने वाले जरूरी पोषक तत्वों को नष्ट करती है।काली चाय एवं कॉफी पीने से बचें। जल्दी-जल्दी गर्भधारण से बचना चाहिए।स्वच्छ शौचालय का प्रयोग करें।
3. पीड़ित को खान पान का ख्याल रखना होता है। गहरे हरे रंग की पत्तेदार सब्जियां का सेवन करें।
4. मूंगफली, अंडे, कुकुरमुत्ता (मशरूम,मटर और फलियां, चोकर वाला आटा, आलू, दालें, सूखे मेवे, मछली, बाजरा, गुड़, गोभी, शलजम,अं कुरित दालों और अनाजों का नियमित प्रयोग करें। विटामिन 'ए' संक्रमण से शरीर की रक्षा करता है,विटामिन ए का इस्तेमाल ज्यादा करें।