किसानों के लिए केंद्र से की गई ये खास मांग, जानें पूरी डिटेल
आम आदमी पार्टी (आप) के सांसद राघव चड्ढा ने पंजाब में किसानों को बेमौसम बारिश और अलोवृष्टि से फसलों को हुए नुकसान के वास्ते पर्याप्त मुआवजा देने के लिए शनिवार को केंद्रीय वित्त मंत्री से विशेष पैकेज की मांग की। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर
चंडीगढ़: आम आदमी पार्टी (आप) के सांसद राघव चड्ढा ने पंजाब में किसानों को बेमौसम बारिश और अलोवृष्टि से फसलों को हुए नुकसान के वास्ते पर्याप्त मुआवजा देने के लिए शनिवार को केंद्रीय वित्त मंत्री से विशेष पैकेज की मांग की।
पंजाब से राज्यसभा सदस्य चड्ढा ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को लिखे पत्र में पंजाब के किसानों की दुर्दशा की ओर उनका ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि 24 मार्च से बारिश, तेज हवा और ओलावृष्टि होने से राज्य में कुल गेहूं क्षेत्र के 34.9 लाख हेक्टेयर में से 14 लाख हेक्टेयर से अधिक में गेहूं की फसल प्रभावित हुई है।
चड्ढा ने वित्त मंत्री को लिखे पत्र में कहा, 'बेमौसम बारिश ने गेहूं की खड़ी फसल और गुणवत्ता पर प्रतिकूल प्रभाव डाला है।'
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उन्होंने कहा, ‘‘मैं बरवा के एक गांव में मनजीत सिंह नाम के एक व्यक्ति से मिला, जिसने अपनी क्षतिग्रस्त फसल के तनों को कसकर पकड़ लिया और नम आखों से अपनी दुर्दशा बयान की। मनजीत की पत्नी बीमार है और उसे उसकी देखभाल करने के साथ ही बेटी को पढ़ायी भी करानी है।”
सांसद ने कहा, “ निरीक्षण करने वालों के लिए, फसल का नुकसान केवल रिकॉर्ड और आंकड़ों की बात हो सकती है। हालांकि, हमारे किसानों के लिए, इसका मतलब सम्मान और बेहतर भविष्य की आशा का नुकसान है। किसानों की आजीविका के स्रोत को नष्ट करने के अलावा, बारिश ने उनकी खुशियों और आकांक्षाओं को भी छीन लिया है।”
चड्ढा ने कहा कि पंजाब में भगवंत मान सरकार ने फसल नुकसान के लिए मुआवजा राशि 12,000 रुपये प्रति एकड़ से बढ़ाकर 15,000 रुपये प्रति एकड़ कर दी है।
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उन्होंने कहा कि देश में अनाज की जरूरत का एक बड़ा हिस्सा पंजाब से आता है और किसान हमारी अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं। सांसद ने कहा, “हमारे किसानों ने कृषि क्षेत्र में अत्यधिक योगदान दिया है और हमारे देश को खाद्य में आत्मनिर्भर बनने में मदद की है और सूखे और प्राकृतिक आपदाओं के दौरान खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित की है।”
चड्ढा ने कहा, “ यह बेहद चिंताजनक और हृदयविदारक है कि जो लोग हमें भोजन उपलब्ध कराने के लिए दिन-रात मेहनत करते हैं, वे अब एक ऐसे संकट का सामना कर रहे हैं, जिससे उनके लिए अपने परिवार का भरण-पोषण करना मुश्किल हो रहा है।”
उन्होंने कहा, “ केंद्र को भी पंजाब के किसानों की जरूरत के समय मदद के लिए आगे आना चाहिए।”