वाराणसी में सोमवार से शुरू होगा G-20 देशों का तीन दिवसीय सम्मेलन
वाराणसी सोमवार से तीन दिवसीय जी-20 कार्यक्रमों की मेजबानी करेगा और जी-20 देशों के मेहमान नौका विहार के साथ घाटों के किनारे खड़े होकर भारत की ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और धार्मिक जड़ों की प्रतीक इमारतों का नजारा देखेंगे।
वाराणसी/लखनऊ: वाराणसी सोमवार से तीन दिवसीय जी-20 कार्यक्रमों की मेजबानी करेगा और जी-20 देशों के मेहमान नौका विहार के साथ घाटों के किनारे खड़े होकर भारत की ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और धार्मिक जड़ों की प्रतीक इमारतों का नजारा देखेंगे। अधिकारियों ने रविवार को यहां जानकारी दी।
अधिकारियों ने बताया कि वाराणसी में 17 से 19 अप्रैल तक होने वाली कृषि कार्य समूह की बैठक में दुनिया के 20 प्रमुख देशों के प्रतिनिधि और अन्य भागीदार देशों के प्रतिनिधि भाग लेंगे।
उन्होंने बताया कि इसके अलावा जी-20 के प्रतिनिधि काशी में होने वाली विश्व प्रसिद्ध गंगा आरती में भी शामिल होंगे।
एक आधिकारिक बयान में यह कहा गया है कि जी 20 आयोजनों का भव्य आयोजन सुनिश्चित करने के लिए योगी आदित्यनाथ सरकार ने पूरी व्यवस्था की है।
उन्होंने बताया कि प्रतिनिधियों का काशी आगमन होने लगा है और वाराणसी में जी-20 की बैठक को लेकर प्रदेश सरकार ने पूरे शहर को आकर्षक ढंग से सजाया है।
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काशी की अधिष्ठात्री देवी मां अन्नपूर्णेश्वरी की नगरी से पूरे विश्व को स्वस्थ रखने के लिए पोषण युक्त खाद्य पदार्थ, खाद्य सुरक्षा और जलवायु के अनुकूल खेती को बढ़ावा देने का संदेश दिया जाएगा।
जी-20 देशों में अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, कोरिया गणराज्य, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की, यूनाइटेड किंगडम और यूरोपीय संघ शामिल हैं।
बयान के अनुसार सुधैव कुटुम्बकम् के ध्येय वाक्य के साथ ही भारत इस साल जी-20 देशों की मेजबानी कर रहा है। वाराणसी में जी-20 की कुल छह बैठकें होंगी। इनमें से पहली बैठक सोमवार से शुरू हो रही है। इसके लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर पूरे शहर को दुल्हन की तरह सजाया गया है।
इसके साथ ही मेहमानों की सुरक्षा से लेकर भी मुख्यमंत्री की ओर से अधिकारियों को लगातार निर्देशित किया गया। इसमें हिस्सा लेने वाले ज्यादातर प्रतिनिधि रविवार को ही वाराणसी पहुंच चुके हैं। इसमें 34 संगठनों व देशों के करीब 80 प्रतिनिधि का अनुमोदन आ चुका है।
बयान में कहा गया है कि इसके उपरांत अतिथियों का काशी भ्रमण का भी कार्यक्रम होगा, जिसमें मुख्य रूप से भगवान बुद्ध की तपोस्थली सारनाथ, गंगा में नौका विहार के कार्यक्रम शामिल हैं। इसके साथ ही काशी की विश्व प्रसिद्ध गंगा आरती में भी जी-20 के प्रतिनिधि शिरकत करेंगे। दुनियाभर से आए अतिथि काशी की विरासत हस्तशिल्पियों का हुनर भी देखेंगे।
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एक अन्य बयान में यह भी कहा गया कि दुनिया के समृद्ध और शक्तिशाली जी-20 देशों के मेहमान नौका विहार के साथ घाटों के किनारे खड़े भारत की ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और धार्मिक जड़ों की प्रतीक इमारतों का नजारा देखेंगे।
योगी सरकार काशी के घाटों को खूबसूरत बनाने के लिए इमारतों और सीढ़ियों को रंगवा रही है। इसमें कहा गया है कि घाटों पर कुछ जगहों पर अलग-अलग थीम पर चित्रकारी भी की जाएगी।
उन्होंने कहा कि योगी सरकार दुनिया के शक्तिशाली देशों के बीच विश्व के सबसे प्राचीन और जीवंत शहर काशी के हर एक धरोहर की तस्वीर पेश करेगी, जिससे काशी आने वाले जी-20 के मेहमान अपने जेहन में इतिहास से भी प्राचीन शहर काशी की हर रंग की तस्वीर अपने साथ लेकर जाएं।