UP News: गोरखपुर चिड़ियाघर में बाघ केसरी की मौत, मेनिनजाइटिस बीमारी बनी वजह

डीएन संवाददाता

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर चिड़ियाघर में बाघ केसरी की मौत हो गई। बाघ को पीलीभीत से छह महीने पहले रेस्क्यू कर गोरखपुर चिड़ियाघर लाया गया था। पढ़ें डाइनामाइट न्यूज की रिपोर्ट

चिड़ियाघर गोरखपुर
चिड़ियाघर गोरखपुर


गोरखपुर: पीलीभीत से छह महीने पहले रेस्क्यू कर गोरखपुर चिड़ियाघर लाए गए बाघ केसरी की रविवार सुबह मौत हो गई। इंडियन वेटनेरी रिसर्च इंस्टीट्यूट (आईवीआरआई) बरेली और लखनऊ चिड़ियाघर की टीम द्वारा किए गए पोस्टमार्टम की प्रारंभिक रिपोर्ट में मेनिनजाइटिस को मौत की वजह बताया गया है। इस बीमारी के कारण बाघ के दिमाग में करीब 100 एमएल पानी इकट्ठा हो गया था।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, शनिवार को बाघ केसरी के व्यवहार में अचानक बदलाव देखा गया। वह सुबह से ही बेचैन था और बाड़े को तोड़ने का प्रयास कर रहा था। चिड़ियाघर के चिकित्सकों ने उसे शांत करने की कोशिश की, लेकिन कोई सफलता नहीं मिली। शाम होते-होते वह एकदम शांत हो गया और रविवार भोर में उसकी गतिविधियां पूरी तरह बंद हो गईं। जब चिड़ियाघर कर्मियों ने स्थिति की सूचना उच्च अधिकारियों को दी, तब तक केसरी दम तोड़ चुका था।

आईवीआरआई बरेली और लखनऊ चिड़ियाघर से आई टीम ने पोस्टमार्टम किया। विशेषज्ञों ने पाया कि केसरी के दिमाग में करीब 100 एमएल पानी जमा हो चुका था, जिससे उसे न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर भी हो गया था। आईवीआरआई बरेली के डॉ. एम करि कलन, लखनऊ चिड़ियाघर के डॉ. बिजेंद्र मणि यादव और बीसी वर्मा की टीम ने इस जांच को अंजाम दिया।

पहले से तनाव में था केसरी

विशेषज्ञों के अनुसार, बाघ पहले से ही भारी तनाव में था, जिससे उसके दिमाग में धीरे-धीरे पानी भरता गया। यह प्रक्रिया एक दिन में नहीं हुई, बल्कि समय के साथ पानी गाढ़ा होता गया, जिससे न्यूरोलॉजिकल समस्याएं उत्पन्न हुईं।

पिछले साल रेस्क्यू कर लाया गया था केसरी

27 सितंबर 2024 को पीलीभीत से इस बाघ को रेस्क्यू कर गोरखपुर चिड़ियाघर लाया गया था। यहां उसके स्वास्थ्य की निगरानी की जा रही थी, लेकिन अंततः वह गंभीर बीमारी की चपेट में आ गया।

चिड़ियाघर प्रशासन में शोक की लहर

केसरी की मौत से गोरखपुर चिड़ियाघर प्रशासन और पशु प्रेमियों में शोक की लहर है। प्रशासन ने इस घटना की गहन जांच का निर्देश दिया है ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।