नंदीग्राम में पुलिस गोलीबारी की 16वीं पर टीएमसी और भाजपा आमने-सामने
पश्चिम बंगाल के नंदीग्राम में भूमि अधिग्रहण विरोधी आंदोलन की 16वीं वर्षगांठ पर इसका श्रेय लेने की कोशिश में मंगलवार को तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाये। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर
कोलकाता: पश्चिम बंगाल के नंदीग्राम में भूमि अधिग्रहण विरोधी आंदोलन की 16वीं वर्षगांठ पर इसका श्रेय लेने की कोशिश में मंगलवार को तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाये।
विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी के नेतृत्व में भाजपा ने पूर्व मेदिनीपुर जिले के नंदीग्राम क्षेत्र में उस दिन की याद में रैली का आयोजन किया, जब 2007 में पुलिस की गोलीबारी में भूमि अधिग्रहण विरोधी 14 प्रदर्शनकारियों की मौत हो गयी थी।
अधिकारी ने पुलिस कार्रवाई में मारे गए लोगों को गोकुलनगर में पुष्पांजलि अर्पित करते हुए तृणमूल कांग्रेस के संदर्भ में कहा, “नंदीग्राम आंदोलन किसी पार्टी विशेष का नहीं बल्कि स्थानीय लोगों का आंदोलन था। यह नंदीग्राम के गरीब लोगों के संघर्ष की एक वीर गाथा है, जिन्होंने तत्कालीन शक्तिशाली वाम मोर्चे के खिलाफ लड़ाई लड़ी। लेकिन दुर्भाग्य से एक राजनीतिक दल ने इस जन आंदोलन से लाभ उठाया।”
राज्य में 2021 के विधानसभा चुनावों से पहले तृणमूल कांग्रेस छोड़ कर भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए नंदीग्राम के विधायक अधिकारी ने ममता बनर्जी सरकार पर उन आईपीएस अधिकारियों को पदोन्नत करने के लिए कटाक्ष किया, जो इस घटना के लिए जिम्मेदार थे।
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उन्होंने कहा, “मैं नंदीग्राम के लोगों द्वारा किए गए बलिदान को नमन करने के लिए 2008 से हर साल यहां आता हूं। विडंबना यह है कि नंदीग्राम नरसंहार के लिए जिम्मेदार पुलिस अधिकारियों को पदोन्नति देने वाले अब नंदीग्राम दिवस मना रहे हैं।”
तृणमूल कांग्रेस की वरिष्ठ नेता एवं मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने मंगलवार को सुबह नंदीग्राम का दौरा किया, शहीदों को पुष्पांजलि अर्पित की और उनके परिवारों से मुलाकात की।
पश्चिम बंगाल में 2011 में सत्ता में आने के बाद से तृणमूल कांग्रेस 14 मार्च को 2007 में क्षेत्र में भूमि अधिग्रहण विरोधी आंदोलन के दौरान पुलिस की गोलीबारी में मारे गए 14 लोगों को श्रद्धांजलि देने के लिए ‘नंदीग्राम दिवस’ के रूप में मनाती है।
चंद्रिमा ने अधिकारी के व्यंग्य पर पलटवार करते हुए कहा, “हमें धोखेबाजों से नंदीग्राम पर या आंदोलन पर सबक लेने की जरूरत नहीं है। ममता बनर्जी न होतीं तो नंदीग्राम आंदोलन नहीं होता। इसलिए नंदीग्राम की विरासत को हड़पने की कोशिश करने वाले जन आंदोलन का अपमान कर रहे हैं।”
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भट्टाचार्य ने कहा कि भाजपा नेता और उनका परिवार उस आंदोलन का “सबसे बड़ा लाभार्थी” था, जिसका नेतृत्व तृणमूल कांग्रेस की सुप्रीमो ममता बनर्जी ने किया था।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ट्वीट किया, “14 मार्च बंगाल के इतिहास में एक काला दिन है। यह बंगाल के असहाय किसानों, नंदीग्राम के 14 शहीदों और अनगिनत ग्रामीणों पर राज्य प्रायोजित बर्बर हमलों की एक गंभीर हिंसा की याद दिलाता है।”
उन्होंने दावा किया कि पश्चिम बंगाल देश के शीर्ष कृषि उत्पादकों में से एक है और इसने देश के किसानों को सशक्त बनाया है।
उन्होंने ट्वीट किया, “16 साल बाद, बंगाल एक अग्रणी कृषि राज्य के रूप में उभरा है जो अपने किसानों को सशक्त बनाता है और उन्हें सम्मानित जीवन जीने में सक्षम बनाता है। नंदीग्राम दिवस हमारी अदम्य लड़ाई की भावना और राज्य के प्रत्येक निवासी को सुरक्षित करने के लिए अविश्वसनीय उत्साह का एक साहसिक वसीयतनामा है।”