बंगाल पंचायत चुनावों से पहले अपनी छवि सुधारने में लगी टीएमसी, शुरू किया नया अभियान, पढ़िये पूरी रिपोर्ट

डीएन ब्यूरो

भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रही तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने इस साल होने वाले पश्चिम बंगाल पंचायत चुनावों और 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले अपनी छवि दुरुस्त करने के लिए एक व्यापक जनसंपर्क अभियान शुरू किया है।

छवि सुधारने में लगी टीएमसी (फ़ाइल)
छवि सुधारने में लगी टीएमसी (फ़ाइल)


कोलकाता: भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रही तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने इस साल होने वाले पश्चिम बंगाल पंचायत चुनावों और 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले अपनी छवि दुरुस्त करने के लिए एक व्यापक जनसंपर्क अभियान शुरू किया है।

तृणमूल कांग्रेस के गठन के बाद से पार्टी ने अपने अंदर अपना सबसे बड़ा ‘सफाई’ अभियान शुरू किया है। टीएमसी के राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा गंवाने और इसके नेताओं द्वारा अदालतों के अंदर और बाहर भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना करने के समय यह कवायद शुरू की गई है।

ग्राम परिषद चुनावों के सभी स्तरों पर अपने निर्वाचित प्रतिनिधियों और नेताओं के कामकाज तथा आचरण का आकलन करने के लिए कुछ आंतरिक सर्वेक्षण करने के बाद टीएमसी ने हाल में एक अभियान शुरू किया, जिसमें एक गुप्त मतदान प्रणाली के जरिये लोगों से मिली प्रतिक्रिया के आधार पर उम्मीदवारों का चयन करेगी।

ये सर्वेक्षण राजनीतिक सलाहकारी समूह आई-पैक द्वारा भी कराये गये हैं।

पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी व्यापक जनसंपर्क कार्यक्रम ‘तृणमूल ए नबाजोवार’ (तृणमूल में नयी लहर) का नेतृत्व कर रहे हैं। वह कई हफ्तों तक पूरे राज्य का दौरा करेंगे और लोगों से अपने वरीयता वाले उम्मीदवारों पर प्रतिक्रिया मांगेंगे, जिन्हें पार्टी नामित करेगी।

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टीएमसी नेता सुगत रॉय ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘यह पहला मौका है जब पार्टी ने इतने बड़े पैमाने पर भ्रष्ट लोगों को हटाने के लिए एक अभियान शुरू किया है। यह हमें लोगों से संपर्क साधने और उनकी पंसद और आकांक्षाओं को मान्यता देकर उनसे एक मजबूत संबंध बनाने में भी मदद करेगा।’’

रॉय ने कहा कि त्रि-स्तरीय पंचायत चुनावों में लगभग 78,000 सीट पर उम्मीदवारों का चयन अभियान के दौरान गुप्त मत पत्र से मिली जानकारी के आधार पर होगी।

उन्होंने कहा, ‘‘उम्मीदवारों की सूची में बड़ा बदलाव किया जाएगा। संभव है कि 50 फीसदी नये चेहरे हों।’’

अभिषेक ने कूच बिहार में एक रैली के दौरान कहा, ‘‘यह व्यवस्था पश्चिम बंगाल में पंचायती राज व्यवस्था में क्रांति ला देगी। यह भ्रष्टाचार को जड़ से उखाड़ फेंकेगी और जनता की पंचायत बनाएगी, जिसकी महात्मा गांधी ने परिकल्पना की थी।’’

टीएमसी के प्रदेश उपाध्यक्ष जय प्रकाश मजूमदार ने कहा, ‘‘ऐसा नहीं है कि भ्रष्टाचार के सभी आरोप सही हैं, लेकिन कुछ दृष्टांतों ने पार्टी की छवि खराब की है। इसलिए, अपने गठन के 25वें वर्ष में प्रवेश कर चुकी पार्टी ने जन प्रतिनिधित्व के विभिन्न स्तर से ऐसे लोगों को हटाने का फैसला किया है जिनकी छवि अच्छी नहीं है। इनकी जगह लोगों के बीच से अच्छी छवि वाले नये चेहरों को लाया जाएगा।’’

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हालांकि, पार्टी के इस अभियान को लेकर विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), कांग्रेस और वाम दलों ने सत्तारूढ़ दल की खिल्ली उड़ाई है।

भाजपा के प्रदेश प्रमुख सुकांत मजूमदार ने कहा, ‘‘टीएमसी भ्रष्टाचार में आकंठ डूबी हुई है। भ्रष्टाचार के पूरे वृक्ष को जड़ से उखाड़े जाने की जरूरत है और केवल भाजपा ही यह कर सकती है।’’

माकपा नेता सुजान चक्रवर्ती ने कहा, ‘‘ये जनता को मूर्ख बनाने की कोशिशें हैं।’’

प्रदेश कांग्रेस प्रमुख अधीर चौधरी ने कहा, ‘‘भ्रष्टाचार टीएमसी की संस्कृति का हिस्सा है और इस तरह के अभियान भ्रष्टाचार के मामलों से लोगों का ध्यान भटकाने के लिए एक छलावा है।’’










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