अंडमान बलात्कार मामले में दो और लोगों को जमानत मिली
पोर्ट ब्लेयर में कलकत्ता उच्च न्यायालय की सर्किट पीठ ने एक निलंबित अधिकारी सहित दो लोगों को एक महिला से बलात्कार के मामले में बुधवार को जमानत दे दी।
पोर्ट ब्लेयर: कलकत्ता उच्च न्यायालय की सर्किट पीठ ने एक निलंबित अधिकारी सहित दो लोगों को एक महिला से बलात्कार के मामले में बुधवार को जमानत दे दी।
न्यायमूर्ति चित्त रंजन दास और न्यायमूर्ति मोहम्मद निजामुद्दीन की पीठ ने दोनों को इस शर्त पर जमानत दी कि वे भारत से बाहर नहीं जायेंगे, मामले से संबंधित किसी भी व्यक्ति को प्रभावित नहीं करेंगे और संबंधित अधिकारियों के समक्ष अपना पासपोर्ट जमा करेंगे।
केंद्र शासित प्रदेश के पूर्व मुख्य सचिव जितेंद्र नारायण को अदालत ने 20 फरवरी को इस मामले में जमानत दे दी थी। इसके दो दिन बाद पोर्ट ब्लेयर के व्यवसायी संदीप सिंह उर्फ रिंकू और निलंबित श्रम आयुक्त ऋषिश्वर लाल ऋषि को जमानत दी गई।
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बलात्कार पीड़िता का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील पथिक चंद्र दास ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि वह पहले ही तीनों आरोपियों की जमानत के आदेश के खिलाफ उच्चतम न्यायालय का रुख कर चुके हैं।
अंडमान निकोबार पुलिस ने इस मामले में फरार संदीप सिंह को पिछले साल 14 नवंबर को हरियाणा से गिरफ्तार किया था। ऋषि को 21 नवंबर को गिरफ्तार किया गया था।
विशेष जांच दल (एसआईटी) 21 वर्षीय महिला को सरकारी नौकरी का झांसा देकर मुख्य सचिव के आवास पर ले जाए जाने और उसके बाद नारायण समेत कई लोगों द्वारा कथित तौर पर बलात्कार किए जाने के आरोपों की जांच कर रहा है।
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नारायण को पिछले साल 10 नवंबर को गिरफ्तार किया गया था। मामले में एक अक्टूबर को प्राथमिकी दर्ज की गई थी, उस समय वह दिल्ली वित्तीय निगम के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक थे। 17 अक्टूबर को सरकार ने उन्हें निलंबित कर दिया था।