केंद्र स्वास्थ्य मंत्रालय ने दिल्ली सरकार से ये अधिनियम लागू करने को कहा, जानिये पूरा मामला
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने दिल्ली सरकार से क्लीनिकल प्रतिष्ठान (पंजीकरण एवं विनियमन) अधिनियम, 2010 को लागू करने का अनुरोध करते हुए कहा है कि शहर में क्लीनिक, प्रयोगशालाओं, इमेजिंग केंद्रों और आयुष केंद्रों का कामकाज विनियमित नहीं है। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर
नयी दिल्ली: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने दिल्ली सरकार से क्लीनिकल प्रतिष्ठान (पंजीकरण एवं विनियमन) अधिनियम, 2010 को लागू करने का अनुरोध करते हुए कहा है कि शहर में क्लीनिक, प्रयोगशालाओं, इमेजिंग केंद्रों और आयुष केंद्रों का कामकाज विनियमित नहीं है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार दिल्ली के स्वास्थ्य विभाग के सचिव को 21 जुलाई को लिखे पत्र में इस बात पर प्रकाश डाला गया है कि दिल्ली नर्सिंग होम पंजीकरण अधिनियम, 1953 का दायरा सीमित है, क्योंकि इसके दायरे में केवल एलोपैथिक पद्धतियों के अस्पताल और नर्सिंग होम आते हैं।
पत्र में उल्लेख किया गया है कि भारत सरकार ने सरकारी और निजी दोनों क्षेत्रों में चिकित्सा की सभी मान्यता प्राप्त पद्धतियों से संबंधित सभी प्रकार के क्लीनिकल प्रतिष्ठानों के अनिवार्य पंजीकरण एवं विनियमन के लिए मार्च 2012 में क्लीनिकल प्रतिष्ठान (पंजीकरण एवं विनियमन) अधिनियम अधिसूचित किया गया था।
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पत्र में कहा गया है, “क्लीनिकल प्रतिष्ठान (पंजीकरण एवं विनियमन) अधिनियम, 2010 की अनुसूची के संदर्भ में, यह दिल्ली नर्सिंग होम पंजीकरण अधिनियम, 1953 के मद्देनजर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में लागू नहीं है।”
स्वास्थ्य मंत्रालय ने पहले भी दिल्ली सरकार से क्लीनिकल प्रतिष्ठान अधिनियम लागू करने को कहा था।
इक्कीस जुलाई के पत्र में कहा गया है, “मौजूदा अधिनियम का राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में दायरा सीमित है, क्योंकि इसमें केवल एलोपैथी पद्धति के अस्पताल एवं नर्सिंग होम शामिल हैं। अन्य क्लीनिकल प्रतिष्ठान जैसे क्लीनिक, पॉलीक्लिनिक, प्रयोगशालाएं, इमेजिंग सेंटर और आयुष क्लीनिकल प्रतिष्ठान को दिल्ली नर्सिंग होम पंजीकरण अधिनियम, 1953 के तहत विनियमित नहीं किया गया है। इस वजह से, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में बड़ी संख्या में क्लीनिकल प्रतिष्ठान विनियमित नहीं हैं।”
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पत्र में कहा गया है, “मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि आपके स्तर पर मामले की शीघ्रता से जांच की जाए, या वैकल्पिक रूप से, मौजूदा अधिनियम (दिल्ली नर्सिंग होम पंजीकरण अधिनियम, 1953) को निरस्त कर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में क्लीनिकल प्रतिष्ठान (पंजीकरण एवं विनियमन) अधिनियम, 2010 को अपनाया जाए।”