केंद्रीय मंत्री ने ‘इंडिया’ के सदस्यों के मणिपुर दौरे को बताया दिखावा, जानिये और क्या-क्या कहा

डीएन ब्यूरो

सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने शनिवार को कहा कि विपक्षी दलों के गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) के सदस्यों का दौरा ‘‘मात्र दिखावा’’ है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

अनुराग ठाकुर
अनुराग ठाकुर


कोलकाता: सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने शनिवार को कहा कि विपक्षी दलों के गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) के सदस्यों का दौरा ‘‘मात्र दिखावा’’ है।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता ने शनिवार सुबह कोलकाता पहुंचने के बाद आरोप लगाया कि जब पूर्ववर्ती सरकारों के शासन में मणिपुर ‘‘जलता’’ था, तब उन लोगों ने संसद में एक भी शब्द नहीं कहा, जो अब पूर्वोत्तर राज्य का दौरा कर रहे हैं।

ठाकुर ने कहा, ‘‘जब मणिपुर महीनों बंद रहा करता था, तब उन्होंने एक भी शब्द नहीं कहा।’’

उन्होंने कहा कि जब प्रतिनिधिमंडल मणिपुर से लौट आएगा, तो इस टीम के सदस्य ‘‘संसद में कामकाज नहीं होने देंगे।’’

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ठाकुर ने कहा, ‘‘मैं कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी से अनुरोध करता हूं कि वे इसी प्रतिनिधिमंडल को पश्चिम बंगाल लेकर आएं, जहां महिलाओं के खिलाफ अत्याचार हो रहे हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘जिस तरह ममता बनर्जी की सरकार हत्याओं के जरिए सत्ता पर काबिज है, क्या कांग्रेस उसका विरोध करती है?’’

ठाकुर ने सवाल किया कि क्या ‘इंडिया’ गठबंधन राजस्थान का दौरा करेगा, जहां ‘‘महिलाओं के खिलाफ अपराध हो रहे हैं’’ और क्या वह पश्चिम बंगाल एवं राजस्थान पर रिपोर्ट सौंपेगा।

विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के 21 सांसदों का एक प्रतिनिधिमंडल जमीनी हकीकत का आकलन करने के लिए हिंसा प्रभावित मणिपुर के दो दिवसीय दौरे पर शनिवार को यहां पहुंचा। विपक्षी दलों के सांसदों का दल तीन मई से पूर्वोत्तर राज्य में भड़की जातीय हिंसा के पीड़ितों से मिलने के लिए कई राहत शिविरों का दौरा करेगा।

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मणिपुर में अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में पर्वतीय जिलों में तीन मई को ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के आयोजन के बाद राज्य में भड़की जातीय हिंसा में अब तक 160 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।

मणिपुर की आबादी में मेइती समुदाय के लोगों की संख्या लगभग 53 प्रतिशत है और वे मुख्य रूप से इंफाल घाटी में रहते हैं। वहीं, नगा और कुकी जैसे आदिवासियों की आबादी 40 प्रतिशत है और वे ज्यादातर पर्वतीय जिलों में रहते हैं।










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