यूपी में अधिवक्ताओं की हड़ताल जारी, अदालत परिसरों में विरोध-प्रदर्शन और पुतला दहन, कानूनी कामकाज प्रभावित, जानिये पूरा अपडेट
उत्तर प्रदेश के हापुड़ जिले में वकीलों पर लाठीचार्ज के विरोध में राज्य भर के अधिवक्ता मंगलवार को भी हड़ताल पर रहे। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के हापुड़ जिले में वकीलों पर लाठीचार्ज के विरोध में राज्य भर के अधिवक्ता मंगलवार को भी हड़ताल पर रहे।
लखनऊ बार एसोसिएशन के महासचिव कुलदीप नारायण मिश्रा ने बताया, 'हम अपना विरोध जारी रख रहे हैं। मंगलवार को राज्य भर के वकील अदालत परिसर में पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) और प्रमुख सचिव (गृह) का पुतला जलाएंगे।'
इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के अनुरोध के बावजूद बार एसोसिएशन के सदस्यों ने भी न्यायिक कार्य से दूर रहने का फैसला किया है।
हाईकोर्ट बार एसोसिएशन द्वारा जारी एक बयान के मुताबिक, सोमवार रात वकीलों के संगठन की एक आपात बैठक बुलाई गई, जिसमें हापुड़ में वकीलों पर हुए पुलिस लाठीचार्ज के दोषियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं किए जाने पर नाराजगी जाहिर की गई।
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बयान के अनुसार, बैठक में निर्णय लिया गया कि अधिवक्ता मंगलवार को भी न्यायिक कार्य का बहिष्कार रहेंगे।
सोमवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति प्रीतिंकर दिवाकर और न्यायमूर्ति एम सी त्रिपाठी की पीठ ने वकीलों से काम पर लौटने का अनुरोध करते हुए कहा था कि अदालतें मंगलवार से अपना काम शुरू कर देंगी।
अपर महाधिवक्ता ने अदालत को बताया कि वकीलों की मांग को देखते हुए सेवानिवृत्त जिला न्यायाधीश हरि नाथ पांडे को हापुड़ घटना की जांच करने वाली विशेष जांच टीम (एसआईटी) का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है।
अदालत ने संबंधित अधिकारियों से यह भी कहा कि वे किसी भी वकील के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई न करें, चाहे वह घटना में नामजद हो या नहीं।
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संबंधित अधिकारियों के तबादले की वकीलों की मांग पर अदालत ने कहा कि वह इस स्तर पर इस संबंध में कोई आदेश पारित नहीं कर सकती, क्योंकि एसआईटी की रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है।
स्टेट बार काउंसिल ने रविवार को बुलाई गई एक आपात बैठक में पूरे उत्तर प्रदेश के वकीलों से छह सितंबर तक हड़ताल जारी रखने का आह्वान किया था।