यूपी में एनकाउंटर को लेकर DGP ने जारी किए ये निर्देश

डीएन ब्यूरो

यूपी सरकार की एनकाउंटर को लेकर बड़ी खबर सामने आ रही है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

सांकेतिक तस्वीर
सांकेतिक तस्वीर


लखनऊ: फर्जी एनकाउंटर (Fake Encounter Case) मामले में सवाल उठने के बाद उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने मंगलवार को नई गाइडलाइन (Guidelines) जारी की है। नई गाइडलाइंस के तहत मुठभेड़ में मौत (Dead) या घायल (Injured) होने पर घटनास्थल की वीडियोग्राफी (Videography) करवाना अनिवार्य होगा। डीजीपी प्रशांत कुमार (DGP Prashant Kumar) की तरफ से सभी जिलों के पुलिस कप्तानों को इस बाबत निर्देश जारी किए गए हैं।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार डीजीपी की ओर से शूटआउट साइट की वीडियोग्राफी, एनकाउंटर की जांच, मृतक के पोस्टमार्टम और इसमें इस्तेमाल हुए हथियारों को लेकर दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं।

जानकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश में हाल के दिनों में पुलिस के साथ मुठभेड़ की घटनाएं सुर्खियों में रही हैं। समाजवादी पार्टी (सपा) समेत विभिन्न विपक्षी पार्टियों इस तरह की घटनाओं को लेकर सवाल भी उठाती रही हैं। उत्तर प्रदेश में पुलिस के साथ मुठभेड़ की घटनाएं नई नहीं हैं। हालांकि ऐसी कुछ घटनाएं विभिन्न कारणों से दूसरी मुठभेड़ की तुलना में लंबे समय तक लोगों के जहन में बनी रहीं।

डीजीपी प्रशांत कुमार

डीजीपी ने जिलों के पुलिस कप्तानों को दिए निर्देश

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डीजीपी प्रशांत कुमार की तरफ से कहा गया कि जहां एनकाउंटर हुआ है उस क्षेत्र के थाने की पुलिस जांच नहीं करेगी।  दूसरे थाने की पुलिस या फिर क्राइम ब्रांच से उसकी जांच कराई जाएगी। साथ ही मुठभेड़ में अपराधी के मारे जाने पर दो डॉक्टरों के पैनल से पोस्टमॉर्टम और उसकी वीडियोग्राफी भी की जाएगी. साथ ही फॉरेंसिक टीम भी घटनास्थल का निरीक्षण करेगी।

एनकाउंटर में शामिल अफसरों से एक रैंक ऊपर के अधिकारी ही इसकी जांच करेंगे।  डीजीपी की ओर से सभी जिलों के पुलिस कप्तानों को यह निर्देश जारी किए गए हैं।   

प्रशांत कुमार ने बताया कि एनकाउंटर में मारे गए बदमाश के परिजनों को तुरंत इसके बारे में सूचित किया जाए और इसकी जानकारी पंचायतनामा में दी जाए।  इसके अलावा एनकाउंटर में इस्तेमाल किए गए हथियारों को सरेंडर करना होगा, जिनकी जांच की जाएगी।  

जिन मामलों में अपराधी सामान्य अथवा गंभीर रूप से घायल होते हैं, ऐसे सभी मामलों में अपराधी के हेंडवाश एवं अपराधी से बरामद हथियारों का बैलस्टिक परीक्षण अवश्य कराया जाए।

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अखिलेश यादव ने बनाया था मुद्दा
गौरतलब है कि सुल्तानपुर डकैती मामले में एक लाख के इनामी मंगेश यादव के एनकाउंटर के बाद समाजवादी पार्टी की तरफ से सवाल उठाए गए थे।  

सपा मुखिया अखिलेश यादव ने एनकाउंटर को मुद्दा बताते हुए फर्जी मुठभेड़ में मंगेश यादव को मारने का आरोप लगाया था।  साथ ही उन्होंने यूपी में हो रहे एनकाउंटर को पीडीए से जोड़ दिया।  उन्होंने आरोप लगाया कि यूपी पुलिस पीडीए के लोगों का फर्जी एनकाउंटर कर रही हैं। 

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