खबर का बंपर असर, फतेह बहादुर सिंह प्रकरण में यूपी पुलिस ने दी सफाई लेकिन एक भी गिरफ्तारी न होने से भाजपा विधायक के आरोपों को मिला बल
भाजपा विधायक फतेह बहादुर सिंह प्रकरण में पुलिस ने प्रेस नोट जारी किया है, लेकिन अब तक इस मामले में एक भी गिरफ्तारी नहीं हुई है। ज्यादा जानकारी के लिए पढ़िये डाइनामाइट न्यूज की ये खास रिपोर्ट
नई दिल्ली/लखनऊ: बुधवार को जब सबसे पहले डाइनामाइट न्यूज़ ने इस बात का खुलासा किया कि उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व कैबिनेट मंत्री और सातवीं बार के भाजपा विधायक फतेह बहादुर सिंह ने देश के गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को खत लिख अपनी हत्या कराये जाने की जानकारी दी है।
इस पत्र में फतेह बहादुर सिंह ने साफ-साफ लिखा था कि यूपी सरकार पर उनको कतई भरोसा नहीं है।
डाइनामाइट न्यूज़ पर खबर चलने के बाद यूपी पुलिस हरकत में तो आयी लेकिन उसकी कलई एक बार फिर बेपर्दा हो गयी।
गोरखपुर पुलिस की ओर से जारी प्रेस नोट में सफाई दी गयी लेकिन यह नहीं बताया गया कि क्या पुलिस ने इस अत्यंत गंभीर मामले में कोई गिरफ्तारी की है? या नहीं? या फिर ये सारी कवायद ध्यान भटकाने की कोशिश मात्र है।
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प्रेस नोट में कहा गया है कि भाजपा की जिला पंचायत सदस्य सरोज देवी का पुत्र राजू रंजन चौधरी का नाम फतेह बहादुर सिंह ने लिया है। पुलिस ने कहा है कि वर्तमान में फतेह बहादुर को वाई प्लस श्रेणी के तहत 11 सुरक्षा कर्मी दिये गये हैं।
समय-समय पर पुलिस विधायक से बात कर रही है। इस प्रकरण की जांच एसपी उत्तरी के निर्देशन में एसओजी, स्वाट व सर्विलांस की टीम कर रही है।
अब प्रेस रिलीज के बाद पुलिस की कलई खुलकर सामने आ गयी है। वजह है पहले दिन से ही फतेह बहादुर कह रहे हैं कि पुलिस पर लखनऊ का दबाव है इसलिए जानबूझकर पुलिस मामले की लीपा-पोती कर रही है और कुख्यात अपराधी और हिस्ट्रीशीटर को बचाया जा रहा है।
हैरानी की बात
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डाइनामाइट न्यूज़ को मिली जानकारी के मुताबिक पीपीगंज नगर पंचायत अध्यक्ष पद के लिए पिछले साल यह कुख्यात हिस्ट्रीशीटर और बैंक लूट का अपराधी राजू रंजन चौधरी भाजपा प्रत्याशी के खिलाफ निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ा था और बुरी तरह हारा था। यह तथ्य गोरखपुर पुलिस ने अपने प्रेस नोट में छिपा लिया और इस अपराधी को न जाने किस वजह से जारी प्रेस नोट में भाजपा की जिला पंचायत सदस्य सरोज देवी का पुत्र बताया है।
जाति की आड़ में बचाने का खेल
फतेह बहादुर सिंह पहले से आरोप लगा रह हैं कि यह अपराधी पहले एक संगठन से भी जुड़ा था और अब इसकी जाति की आड़ में कुछ सफेदपोश इस कुकृत्यों को छिपाने में लग गये हैं।