UP सदन में बोले राम नाईकः 2022 तक किसानों की आय होगी दोगुनी, राष्ट्रपति को सौंपी रिपोर्ट
उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने शुक्रवार को दिल्ली के यूपी सदन में प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया। राज्यपाल ने कहा कि उनके नेतृत्व में गठित 5 सदस्यीय राज्यपालों की समिति ने किसानों की आय 2022 तक दोगुना करने के लिये राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को एक रिपोर्ट सौंपी है। डाइनामाइट न्यूज़ की विशेष रिपोर्ट में पढ़ें, कृषि में सुधार को लेकर क्या बोले राम नाईक
नई दिल्लीः उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने दिल्ली के यूपी सदन में शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया। राज्यपाल राम नाईक ने कॉन्फ्रेंस में बताया कि उनके नेतृत्व में गठित पांच सदस्यीय राज्यपालों की समिति ने राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द से किसानों की आय को 2022 तक दोगुना करने को लेकर राष्ट्रपति को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की है।
इस अवसर पर उनके साथ प्रमुख रूप से आंध्र प्रदेश एवं तेलंगाना के राज्यपाल ई.एस.एल, कर्नाटक के राज्यपाल वजुभाई वाला, हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल आचार्य देवव्रत समेत मध्य प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल भी उपस्थित थी। राष्ट्रपति से मुलाकात में उन्होंने 48 पृष्ठीय रिपोर्ट में समिति ने अन्य 22 प्रदेशों के राज्यपाल व उप राज्यपालों के सुझावों का समावेश करते हुये 21 मुख्य संस्तुतियां की हैं।
बता दें कि 'अप्रोच टू एग्रीकल्चर-ए होलिस्टिक ओवरव्यू' विषय पर सुझाव देने के लिये समिति का गठन उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक की अध्यक्षता में राष्ट्रपति द्वारा किया गया था। यह बैठक 4 से 5जून 2018 को राष्ट्रपति भवन में आयोजित हुई थी, जिसमें ये सभी राज्यपाल मौजूद थे। राज्यपाल को इस सम्मेलन में साल 2022 तक किसानों की आय को दोगुना करने के लक्ष्य समेत कई विषयों पर चर्चा हुई थी।
राज्यपाल राम नाईक ने बताया किसानों को लेकर राष्ट्रपति को सौंपी ये रिपोर्ट
यह भी पढ़ें |
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद स्पेशल प्रेजिडेंशियल ट्रेन से कानपुर के लिये रवाना, जानिये ट्रेन की खासियत और राष्ट्रपति का कार्यक्रम
1. राज्यपाल राम नाईक ने बताया कि उनकी अध्यक्षता में अलग-अलग प्रदेशों के पांच सदस्यीय राज्यपालों ने राष्ट्रपति को खाद्य सुरक्षा और स्वास्थ्य सुरक्षा को लेकर रिपोर्ट सौंपी है।
2. ऊर्जा सुरक्षा, जल सुरक्षा और पर्यावरण सुरक्षा संबंधी मुद्दों को भी रिपोर्ट में सम्मिलित किया गया है। इस पर विस्तार से चर्चा भी की गई है।
3. रिपोर्ट में वर्तमान में देश की कृषि की स्थिति और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का परिदृश्य और कृषि के क्षेत्र के सम्मुख खड़ी चुनौतियों की विवेचना को करते हुये चिन्हित मुद्दों की समीक्षा और भविष्य के लिये महत्वपूर्ण सुझाव दिये गये।
राज्यपाल राम नाईक ने बताया कि जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों और पर्यावरण से संबंधित मुद्दों को लेकर 21 मुख्य संस्तुतियां समिति द्वारा अपनी रिपोर्ट दी गई है। उन्होंने बताया कि इससे उत्तर प्रदेश,केरल, पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा, उड़ीसा जैसे राज्यों के किसानों को बड़ी राहत मिलेगी। राज्यपाल राम नाईक ने कहा कि समिति द्वारा फसल मूल्य निर्धारण प्रक्रिया को फसल चक्र के अनुसार निर्धारित करने पर जोर दिया गया है।
यह भी पढ़ें |
Presidential Election: कौन बनेगा राष्ट्रपति? संसद भवन में कल होगी राष्ट्रपति चुनाव की मतगणना, जानिये ये अपडेट
साथ ही नई फसलों जैसे ग्वार, अरण्डी, मसाले और सुगन्धित एवं औषधि की फसलों को मूल्य निर्धारण के अन्तर्गत लाने का सुझाव दिया गया है। समिति ने कुपोषण निवारण के लिये आंगनबाड़ी के आधुनिकृत किये जाने को लेकर 'कॉर्पोरेट सोशल रिस्पांसबिलिटी फण्ड' का सदुपयोग किये जाने का भी सुझाव दिया गया है।
यूपी सदन में हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में उत्तर प्रदेश में जिलों के नाम बदले जाने के सवाल पर राज्यपाल राम नाईक ने कहा कि यदि आगे भी अगर वैधानिक सुझाव आते हैं तो राज्य सरकार को विचार करना चाहिये। साथ ही कई अन्य सवालों के भी राज्यपाल राम नाईक ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में जवाब दिये।