योगी का नई दिल्ली दौरा: 11 घंटे, 6 मुलाक़ात, 5 बेहद अहम मुद्दों पर चर्चा
उत्तर प्रदेश की सबसे बड़ी कुर्सी पर काबिज होने के बाद महंथ योगी आदित्यनाथ रविवार को नई दिल्ली के दौरे पर दूसरी बार पहुंचे लेकिन इस बार पहले दौरे की तुलना में हर कुछ बदला-बदला नज़र आया। पहला दौरा जहां शिष्टाचार के नाम रहा था वहीं आज का दौरा यूपी को विकास के मामले में एक नयी शक्ल कैसे दी जाय.. इसके नाम रहा.. पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की यह एक्सक्लूसिव रिपोर्ट..
नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री महंथ योगी आदित्यनाथ के दिल्ली पहुंचने के साथ ही पूरे यूपी की निगाह इस बात पर टिक गयी कि योगी के दिल्ली दौरे के पिटारे से क्या निकलेगा.. डाइनामाइट न्यूज़ बता रहा है क्या रहा योगी के दौरे का नतीजा..
आदित्यनाथ दिल्ली के इंदिरा गांधी एयरपोर्ट पर रविवार सुबह 9 बजे पहुंचे इसके बाद 11 घंटे तक वे लगातार एक के बाद एक बैठकों में व्यस्त रहे। रात करीब 8 बजे वापस दिल्ली एयरपोर्ट से लखनऊ के लिए उड़ान भरी।
इन 11 घंटों में उन्होंने 6 अति महत्वपूर्ण लोगों से मुलाक़ातें की। सीएम ने भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, गृह मंत्री राजनाथ सिंह, वित्त मंत्री अरुण जेटली, ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल, कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से एक के बाद सिलसिलेवार मुलाकात की। इसके अलावा मुख्यमंत्री ने विज्ञान भवन में अंतर्राज्यीय परिषद की 11वीं स्थायी समिति की बैठक में हिस्सा लिया।
पहले इस बैठक का समय 11 बजे से 4 बजे तक निर्धारित था लेकिन अचानक ही यह बैठक 1 बजे लंच के साथ समाप्त कर दी गयी और राजनाथ, जेटली और योगी एक-एक कर निकल लिये।
इन 6 मुलाक़ातों में सबसे अहम दो मुलाकातें रहीं। सबसे पहली मुलाक़ात शाह से और सबसे आखिरी पीएम से।
डाइनामाइट न्यूज़ को सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक पीएम और सीएम के बीच 5 प्रमुख मुद्दों पर चर्चा हुई। सीएम शाम 6 बजे से 7.30 बजे तक डेढ़ घंटे प्रधानमंत्री निवास 7, लोक कल्याण मार्ग पर रहे।
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पीएम-सीएम के बीच चर्चा के 5 प्रमुख मुद्दे
- यूपी के टॉप तीन अहम पदों सहित नौकरशाही के व्यापक बदलाव और महाधिवक्ता की नियुक्ति पर चर्चा
- यूपी के कई बड़े घपले-घोटालों की जांच CBI को सौंपने व भ्रष्टाचारियों पर शिकंजा कसने पर चर्चा
- यूपी में भाजपा के नए प्रदेश अध्यक्ष पर चर्चा
- ‘सबका साथ, सबका विकास’ के सिद्धान्त के तहत लोक कल्याण संकल्प पत्र-2017 के वायदों को पूरा करने पर चर्चा
- राज्य में गुड गवर्नेंस को लेकर चर्चा
मोदी औऱ योगी के बीच हुई इस मैराथन मंथन पर से पर्दा एक से दो दिन में उठ जायेगा। दिल्ली का दौरा पूरा कर योगी लखनऊ पहुंच चुके हैं और एक बात तय हो चुकी है मोदी की मंशा के अनुरुप योगी राज्य में स्वच्छ प्रशासन देने को पूरी तरह कृत संकल्पित हैं और एक से दो दिन में यूपी के नौकरशाही के टॉप-3 अहम पदों पर बदलाव सहित ऊपर से लेकर नीचे तक पूरी नौकरशाही ताश के पत्तों की तरह फेंट दी जायेगी।
पुख्ता सूत्रों ने डाइनामाइट न्यूज़ को बताया कि योगी किसी भी कीमत पर पूर्व की सरकार में अहम पदों पर तैनात रहे दागी नौकरशाहों को नयी सरकार में भी महत्वपूर्ण तैनाती देने को तैयार नही हैं।
पंचम तल
सूत्रों ने इशारा किया है कि पंचम तल यानि मुख्यमंत्री सचिवालय में अब सिर्फ एक अफसर के हाथ समूची व्यवस्था की बजाय वहां कई प्रमुख सचिव हो सकते हैं और ताकि नौकरशाही एक पावर सेंटर में न बंधकर रह जाये और राज-काज को तेजी से गति दी जा सके।
डीजीपी
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डीजीपी का नाम लगभग तय हो चुका है सिर्फ ऐलान बाकी है। लखनऊ और दिल्ली के बीच इस तैनाती को लेकर अब सामंजस्य बन चुका है। इस पद की नियुक्ति में अफसर की छवि के अलावा दो बातों का ध्यान रखा जा रहा है.. रिटायरमेंट की अवधि और जातिगण समीकरण।
मुख्य सचिव
सूबे का मुख्य सचिव इस सरकार में बसपा सरकार के ठीक उलट प्रभावशाली भूमिका में होगा लिहाजा इस पर नियुक्ति काफी सोच समझकर की जा रही है। इस पद के लिए भारत सरकार में तैनात दो सचिव काफी नजदीकी मुकाबले में हैं जबकि एक अफसर अभी लखनऊ में हैं जो इस पद पर अपनी निगाहें जमाये हुये हैं।
प्रमुख सचिव गृह
योगी अपनी पसंद के अधिकारी को इस पद पर बैठायेंगे। इस पद पर भारत सरकार में तैनात एक ईमानदार औऱ सख्त प्रशासक की छवि वाले अफसर का नाम तय हो चुका है, ऐलान अब मात्र औपचारिकता है।