West Bengal: नैनो-साइंस के विज्ञापन को लेकर बांकुड़ा विश्वविद्यालय में हंगामा, जानिए पूरा मामला
पश्चिम बंगाल में बांकुड़ा विश्वविद्यालय के उस विज्ञापन को लेकर हंगामा खड़ा हो गया जो नैनो-विज्ञान जैसे विशेष विषयों के लिए केवल 300 रुपये प्रति कक्षा की दर से विशेष व्याख्याताओं की नियुक्ति के लिए था।
कोलकाता: पश्चिम बंगाल में बांकुड़ा विश्वविद्यालय के उस विज्ञापन को लेकर हंगामा खड़ा हो गया जो नैनो-विज्ञान जैसे विशेष विषयों के लिए केवल 300 रुपये प्रति कक्षा की दर से विशेष व्याख्याताओं की नियुक्ति के लिए था।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सरकार पर शिक्षित युवाओं को ‘अप्रतिष्ठित तरीके’ से काम करने के लिए ‘मजबूर’ करने का आरोप लगाया।
विशेष व्याख्याता की नियुक्ति के लिए जारी किया गया यह विज्ञापन इस साल 24 मार्च का है जिसमें इलेक्ट्रॉनिक्स और नैनो-साइंस जैसे कई विषयों में पूरी तरह अस्थायी आधार पर नियुक्ति की बात है।
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विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने इस विज्ञापन की एक तस्वीर को ट्विटर पर साझा करके राज्य सरकार पर हमला बोला।
अधिकारी के ट्वीट के जवाब में राज्य के शिक्षा मंत्री ब्रत्य बसु ने एक माइक्रो ब्लॉगिंग साइट पर भाजपा नेता की आलोचना करते हुए कहा, ‘‘एक स्वायत्तशासी संस्थान के उचित विज्ञापन पर प्रतिक्रिया व्यक्त करने में उन्होंने जल्दबाजी की।’’ मंत्री ने ‘मनगढ़ंत आरोपों’ को सिरे से खारिज कर दिया।
अधिकारी ने विज्ञापन की तस्वीर के साथ ट्वीट किया, ‘‘पश्चिम बंगाल में भर्ती के हालात: पद: विशेष व्याख्याता, योग्यता : भौतिकशास्त्र में एमएससी और पीएचडी। कार्य: इलेक्ट्रॉनिक्स और नैनो साइंस जैसे विषय पढ़ाना। वेतन: प्रति क्लास 300 रुपये, हर हफ्ते अधिकतम चार क्लास अर्थात 4800 रुपये प्रति महीने। शर्तें: कोई टीए-डीए नहीं और स्थायी नियुक्ति की कोई गारंटी नहीं।’’
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नंदीग्राम विधानसभा क्षेत्र से विधायक अधिकारी ने ट्वीट किया, ‘‘पश्चिम बंगाल की दिवालिया सरकार ‘नियुक्ति प्राधिकरणों’ की भूमिका को सीमित करके उन्हें रणनीतिक रूप से निष्क्रिय बना रही है। यदि पदों को अस्थायी कर्मचारियों से भरा जा रहा है, तो पश्चिम बंगाल कॉलेज सेवा आयोग क्या करेगा।’’
अधिकारी ने दावा किया कि राज्य सरकार पुलिसकर्मियों की जगह अस्थायी होम गार्ड और प्रोफेसर की जगह पर अस्थायी व्याख्याताओं को नियुक्त कर रही है।