अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन बैठक में पीएम मोदी के सामने उठा सकते हैं ये बड़ा मुद्दा

डीएन ब्यूरो

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ अपनी बातचीत के दौरान मानवाधिकारों के बारे में अमेरिका की चिंताओं को उठा सकते हैं, लेकिन वह इस मुद्दे पर उन्हें कोई ‘‘नसीहत’’ नहीं देंगे। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

अमेरिकी एनएसए सुलिवन
अमेरिकी एनएसए सुलिवन


वाशिंगटन: अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ अपनी बातचीत के दौरान मानवाधिकारों के बारे में अमेरिका की चिंताओं को उठा सकते हैं, लेकिन वह इस मुद्दे पर उन्हें कोई ‘‘नसीहत’’ नहीं देंगे। एक शीर्ष अमेरिकी अधिकारी ने बुधवार को इसकी जानकारी दी।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार प्रधानमंत्री बृहस्पतिवार को अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन के साथ उच्च स्तरीय वार्ता करेंगे। इस दौरान दोनों नेता भारत-अमेरिका और वैश्विक हितों के व्यापक मुद्दों पर चर्चा करेंगे।

‘व्हाइट हाउस’ के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) जेक सुलिवन ने बुधवार को संकेत दिया कि बाइडन मानवाधिकारों पर अपनी चिंताओं को मोदी के सामने रखेंगे।

अमेरिकी मीडिया में सुलिवन के हवाले से कहा गया है, ‘‘हम ऐसा सार्वजनिक रूप से करते हैं। हम ऐसा निजी तौर पर करते हैं। हम ऐसा इस तरह से करते हैं, जहां हम नसीहत देने या यह दावा करने की कोशिश नहीं करते हैं कि हमारे पास खुद चुनौतियां नहीं हैं...और अगले कुछ दिनों में यहां होने वाली बातचीत की यही प्रकृति होगी।’’

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बुधवार को, विदेश विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अमेरिका ने हर स्तर पर मानवाधिकारों के मुद्दे पर स्पष्ट और रचनात्मक चर्चा की है।

पहचान जाहिर नहीं करने की शर्त पर अधिकारी ने कहा, ‘‘भारत के सच्चे भागीदार और मित्र के रूप में, हम अपने मतभेदों के बारे में ईमानदारी से और रचनात्मक रूप से बोलते हैं। हमने वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों के समक्ष मानवाधिकारों और धार्मिक स्वतंत्रता संबंधी अपनी चिंताओं को निरंतर उठाया है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हम इसे आपसी सम्मान के माहौल में करते हैं। यह महत्वपूर्ण है कि हम भारतीय लोकतंत्र के सभी स्तंभों का समर्थन करें- इसके लिए हम नागरिक समाज और पत्रकारों से नियमित रूप से मिलते हैं।’’

अमेरिकी सांसदों के एक समूह ने मंगलवार को बाइडन को पत्र लिखकर उनसे मोदी के समक्ष ‘‘चिंता वाले मुद्दे’’ को उठाने तथा दोनों देशों के बीच मजबूत एवं दीर्घकालिक संबंध सफल बनाने के लिए जरूरी सभी मुद्दों पर चर्चा करने का आग्रह किया।

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भारतवंशी सांसद प्रमिला जयपाल सहित 75 सांसदों के हस्ताक्षर वाले पत्र में कहा गया है, ‘‘लंबे समय से भारत-अमेरिका के मजबूत संबंधों के समर्थक के रूप में, हम यह भी मानते हैं कि दोस्तों को अपने मतभेदों पर ईमानदार और स्पष्ट तरीके से चर्चा करनी चाहिए।’’

अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर अमेरिकी आयोग (यूएससीआईआरएफ) ने भी बाइडन से मोदी की राजकीय यात्रा के दौरान भारत में धार्मिक स्वतंत्रता एवं अन्य संबंधित मानवाधिकारों के मुद्दों को उठाने का आग्रह किया।










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