उत्तर प्रदेश: एआई ने सरकारी नौकरी की परीक्षा में नकल पकड़ने में मदद की, नोएडा एवं गाजियाबाद में 12 धरे गये
उन्नत कृत्रिम मेधा आधारित चेहरा पहचान सॉफ्टवेयर ने उत्तर प्रदेश पुलिस को 87 संदिग्ध नकलमारों की गिरफ्तारी में मदद की है, जो राज्य में विभिन्न सरकारी भर्ती परीक्षा केंदों पर परीक्षा में शामिल हुए थे। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी।
नोएडा: उन्नत कृत्रिम मेधा आधारित चेहरा पहचान सॉफ्टवेयर ने उत्तर प्रदेश पुलिस को 87 संदिग्ध नकलमारों की गिरफ्तारी में मदद की है, जो राज्य में विभिन्न सरकारी भर्ती परीक्षा केंदों पर परीक्षा में शामिल हुए थे। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि सबसे अधिक संदिग्ध लखनऊ में गिरफ्तार किये गये, जबकि गौतमबुद्ध नगर और गाजियाबाद जिलों में 12 ऐसे लोगों को पकड़ा गया।
जो लोग गिरफ्तार किये गये हैं उनमें दूसरे प्रत्याशियों की जगह गलत ढंग से परीक्षा दे रहे लोग (सॉल्वर) और परीक्षा में नकल कर रहे लोग शामिल हैं। यह परीक्षा ग्राम विकास अधिकारी पद के लिए उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवाएं चयन आयोग द्वारा मंगलवार को आयोजित की गयी थी।
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एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘‘ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में आयोग ने परीक्षा में पूरी तरह से इसकी गरिमा कायम रखने की कोशिश की। सभी केंद्रों पर परीक्षा संबंधी गतिविधियों की आयोगस्तर पर लाइव स्ट्रीमिंग की गयी। ’’
उन्होंने कहा कि उन्नत कृत्रिम मेधा आधारित चेहरा पहचान सॉफ्टवेयर और विशेष कार्यबल की मदद से 87 सॉल्वर मंगलवार को पकड़े गये।
यहां थाना ईकोटेक- 3 के प्रभारी निरीक्षक सुनील दत्त ने बताया कि हबीबपुर गांव में 27 जून को सालकराम इंटर कॉलेज में परीक्षा संचालित हो रही थी, जहां वास्तविक अभ्यर्थी की जगह दूसरा व्यक्ति परीक्षा दे रहा था।
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उन्होंने बताया कि इस संबंध में स्कूल के प्रधानाचार्य शिवकुमार शर्मा ने थाना ईकोटेक-3 में मामला दर्ज करवाया है। प्रधानाचार्य ने आरोप लगाया है कि परीक्षार्थी दीपक कुमार ने परीक्षा पत्र में हेर-फेर की और उसके स्थान पर मनीष चौधरी नामक व्यक्ति परीक्षा दे रहा था। उन्होंने बताया कि दीपक की जगह परीक्षा दे रहे मनीष चौधरी को गिरफ्तार कर लिया गया है।
पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि इसी प्रकार की अन्य शिकायतों पर कार्रवाई करते हुए कुल छह लोगों को गिरफ्तार किया गया है। मामले की जांच जारी है।