DN Exclusive: यूपी में क्यों कहर मचा रहा है दिमागी बुखार, आखिर कैसे मिलेगी इससे निजात?
उत्तर प्रदेश में दिमागी बुखार का कहर फिर मासूमों को मौत की नींद सुला रहा है। सरकार के लाख प्रयासों के बाद भी इससे निजात नहीं मिल पा रही है। कहां से आया यह बुखार और कैसे मिलेगी इससे निजात..पढ़ें डाइनामाइट न्यूज़ की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट
नई दिल्लीः यूपी में जहां पहले बारिश कहर बरपा रही थी, वहीं अब बुखार के कारण राज्य में कई मासूम बच्चे अकाल मौत का शिकार बना रहे हैं। बात अगर बहराइच जिले की करें तो यहां 71 बच्चों की मौत अज्ञात बुखार के चलते हुई है। इसके अलावा प्रदेश के कई अन्य जिलों में भी यहीं स्थिति बनी हुई है। आखिर क्यों यूपी में बुखार से जान गवां रहे हैं मरीज, क्या है इसकी वजह..डाइनामाइट न्यूज़ की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट
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बुखार ने मचाई तबाही
1. उत्तर प्रदेश में संक्रामक बुखार, मलेरिया व डेंगू की वजह से अब तक इस सीजन में बड़ी संख्या में लोगों की मौत हो चुकी है। स्थिति यह है कि सरकार से लेकर सभी निजी अस्पताल मरीजों से भर पड़े है। पूरे प्रदेश में बुखार की वजह से हो रही मौतों से हर तरफ हाहाकार मचा हुआ है।
2. बरेली में करीब एक महीने में अब तक 140 लोग बुखार की वजह से जान गवां चुके है। इन मौतों में सबसे ज्यादा बच्चे इसकी चपेट में आए है।
3. बदायूं जिले में वायरल फीवर, मलेरिया और डेंगू की वजह से 119 लोग काल के मुंह में समा चुके हैं।
4. हरदोई में अब तक 30 से अधिक मौत हो चुकी है। जबकि स्वास्थ्य विभाग बुखार से हुई मौतों की संख्या को 12 बता रहा है।
5. यही हाल बहराइच का भी है, यहां एक महीने में 110 दस लोग बुखार की वजह से जान गंवा बैठे है।
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6. राजधानी लखनऊ से सटे सीतापुर जिले में अब तक बुखार से 35 लोगों की जान जा चुकी है जबकि यहां दो दर्जन गांव संक्रामक बुखार की चपेट में है।
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7. हाल ही में हुई भारी बरसात के कारण जगह-जगह इकट्ठा हुए पानी में मच्छर व अन्य जल जनित बीमारियों वाले जीव पनप रहे हैं। मच्छरों के काटने की वजह से कौशाम्बी जिले में पिछले एक हफ्ते में 200 से ज्यादा मरीज अस्पताल में भर्ती हुए। जबकि तीन बच्चों समेत पांच की मौत हो चुकी है।
8. संगमनगरी इलाहाबाद में भी बुखार से पीड़ित मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है, जिले में अब तक डेंगू के 13 संदिग्ध मरीजों की पुष्टि हो चुकी है। यहां डेंगू के मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है।
आखिर कब यहां खत्म होगा दिमागी बुखार का कहर
यूपी में मस्तिष्क ज्वर यानी दिमागी बुखार जो विषाणु-जनित एक गंभीर रोग है, इसका प्रकोप प्रदेश के ज्यादातर जिलों, जिनमें पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार प्रांत के सीमावर्ती जिले सबसे ज्यादा प्रभावित है। वहीं पूर्वांचल के पीड़ित क्षेत्रों में गोरखपुर, महराजगंज, कुशीनगर, देवरिया, बस्ती, सिर्द्धाथनगर, बहराइच, संतकबीर नगर जिलों में दिमागी बुखार ने तबाही मचाई रखी है।
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जापानी बुखार यानी इन्सेफलाइटिस (जापानी इन्सेफलाइटिस/एक्यूट इन्सेफलाइटिस सिंड्रोम) उत्तर प्रदेश में विशेषकर पूर्वी उत्तर प्रदेश के मासूमों के स्वास्थ्य के लिए बड़ी चुनौती बना पड़ा है। मानसून के आगमन के साथ ही यह बीमारी अपना विकराल रूप दिखाने लगती है। जिससे हर साल सैकड़ों बच्चों व लोगों की जान जा रही है।
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क्या है जापानी इन्सेफलाइटिस?
जापानी इन्सेफलाइटिस का प्रकोप 1912 में जापान में हुआ था, तब इसके विषाणु की पहचान हुई थी और इससे होने वाले संक्रमण को जापानी इन्सेफलाइटिस का नाम दिया गया। यह एक विश्नोई नाम के मच्छर से मनुष्य में फैलता है। यह मच्छर धान के खेत में गंदे पानी वाले गड्ढों, तालाबों में पाया जाता है।
यह पांच किलोमीटर की परिधि तक विषाणु का प्रकोप फैलाने में सक्षम है। इसी मच्छर का विषाणु जानवरों, पक्षियों और इंसानों में पहुंचता है। यह विषाणु सूअर में बहुत तेजी से बढ़ता है। इसका प्रकोप सिर्फ यूपी ही नहीं बल्कि बिहार, असम, तमिलनाडू, और पश्चिम बंगाल के लभगभ 60 जिलों में है।
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ऐसे मिलेगा इन्सेफलाइटिस से निजात
इन्सेफलाइटिस सिन्ड्रोम से निजात पाने के लिए सबसे जरूरी है कि सरकार लोगों को इसके लिए जागरूक करे। इससे पीड़ित जिलों में स्वच्छ पेयजल व शौचालयों की व्यवस्था की जानी चाहिए। साथ ही पंचायत विभाग, जलकल विभाग, स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा विभाग, समाज कल्याण विभाग सभी विभागों को एक साथ आकर काम करना होगा। वहीं बच्चों के टीकाकरण को लेकर विशेषतौर पर पूरे प्रदेश में मुहिम चलानी पड़ेगी।
शुद्ध पेयल, स्वच्छता, सूअर बाढ़ों का प्रबंधन, टीकाकरण, विकलांगों के लिए पुनर्वास योजना के साथ-साथ एक अच्छा व हेल्दी बजट पास करना होगा। जिससे कि इस बीमारी से निजात मिल सके।