Uttar Pradesh: विधानसभा में योगी आदित्यनाथ बोल रहे थे, अखिलेश ने टोका, सीएम बोले- खुश हूं, नेता प्रतिपक्ष को भी अब जनसंख्या की फिक्र

डीएन ब्यूरो

उत्तर प्रदेश विधानसभा में मंगलवार को राज्य में बेरोजगारी से जुड़े एक सवाल पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव के बीच नोकझोंक हुई। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

मुख्यमंत्री और नेता विपक्ष के बीच नोकझोंक
मुख्यमंत्री और नेता विपक्ष के बीच नोकझोंक


लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा में मंगलवार को राज्य में बेरोजगारी से जुड़े एक सवाल पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव के बीच नोकझोंक हुई।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार प्रश्नकाल के दौरान समाजवादी पार्टी (सपा) सदस्य संग्राम यादव ने एक तारांकित प्रश्न में पूछा कि क्या सरकार प्रदेश में बढ़ती बेरोजगारी के मद्देनजर रोजगारपरक शिक्षा को इंटर कॉलेजों के पाठ्यक्रम में शामिल करेगी?

नेता सदन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस प्रश्न का उत्तर देते हुए कहा, ''हमारे माननीय सदस्य अगर राष्ट्रीय शिक्षा नीति का अध्ययन करके आये होते तो यह सवाल न पूछते। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 लागू हो चुकी है। इसमें सामान्य पाठ्यक्रम के साथ साथ विभिन्न रोजगारपरक पाठ्यक्रम भी लागू किये गये है। राज्य सरकार इसे आगे बढ़ा रही है। इसमें पैरामेडिकल, ड्रोन टेक्नॉलोजी, डाटा एनालिसिस और थ्रीडी पेंटिंग जैसे पाठ्यक्रम भी जोड़े गये हैं।''

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उन्होंने कहा, ''पिछले छह वर्ष में नकलविहीन परीक्षा हो रही है। नकल माफिया पर लगाम कसी गयी है। पहली बार हाईस्कूल और इंटर की परीक्षा मात्र 15 दिन में सम्पन्न हुई और 14 दिन में परिणाम भी आ गया। मात्र 29 दिन में प्रक्रिया सम्पन्न हुई।

आदित्यनाथ ने कहा, ''नौकरियों में भर्ती के मामले मे कुछ लोग न्यायालय गये, वो अलग विषय है, लेकिन पिछले पांच वर्षों में हमने बेसिक और माध्यमिक शिक्षा में एक लाख 64 हजार भर्तियां की हैं। साथ ही उच्च शिक्षा, प्राविधिक या व्यावसायिक और संस्कृत शिक्षा के लिए भी भर्तियां हुई हैं। साथ ही शिक्षक भर्ती के लिए हम एक भर्ती आयोग का गठन करने के लिए विधेयक लेकर आये हैं।''

सदन में समाजवादी पार्टी और विपक्ष के नेता अखिलेश यादव ने इस पर कहा, ''मुख्यमंत्री ने बेरोजगारी के मामले पर काफी कुछ कहा है। मैं उनसे सिर्फ इतना जानना चाहता हूं कि वर्ष 2017 से 2022 के बीच 15 वर्ष की आयु वर्ग के लोगों की संख्या में कितनी बढ़ोत्तरी हुई। उनका भविष्य उज्ज्वल बनाने और राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत उन्हें रोजगार देने के लिये उत्तर प्रदेश की डबल इंजन की सरकार क्या कर रही है। वह बेरोजगारी दर के बारे में तो बता रही है लेकिन रोजगार दर के विषय में नहीं बता रही है। उन्हें बताना चाहिये कि उनकी संख्या क्या है ।

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इस पर मुख्यमंत्री ने कहा, ''मुझे अच्छा लगा कि नेता विरोधी दल को अब जनसंख्या की चिंता होने लगी। यह अच्छी बात है। इसी को नियंत्रित करने के लिए हम समान कानून की बात करना चाहते है..। समाजवादियों में कुछ तो प्रोग्रेस (प्रगति) हुई है। अच्छा है, प्रगति के बारे मे सोचना चाहिए..!!''

उन्होंने कहा, ''सर्वे से सरकार के कार्यों के बारे में पता चलता है। बेरोजगारी दर रोजगार उपलब्ध करवाने पर ही पता चलती है। वर्ष 2016-17 में प्रदेश में बेरोजगारी दर 19% से अधिक थी। इस वक्त यह दर 3—4 प्रतिशत तक आ गयी है। इससे पता चलता है कि लोगों को रोजगार और नौकरी मिल रही है...!!''

मुख्यमंत्री ने कहा कि न्यायालय को भी पता है कि सरकार के कार्य में पारदर्शिता और शुचिता है।










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