Uttarakhand: हरीश रावत की बढ़ी मुश्किल,सीबीआई ने वॉयस सैंपल देने के लिए 7 नवंबर को किया तलब

डीएन ब्यूरो

सड़क दुर्घटना के बाद जौलीग्रांट अस्पताल में भर्ती उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को शुक्रवार को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआइ) ने नोटिस देते हुए उन्हें सात नवंबर को अपनी आवाज का नमूना देने के लिए बुलाया है । पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत
उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत


देहरादून: सड़क दुर्घटना के बाद जौलीग्रांट अस्पताल में भर्ती उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को शुक्रवार को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआइ) ने नोटिस देते हुए उन्हें सात नवंबर को अपनी आवाज का नमूना देने के लिए बुलाया है ।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार वरिष्ठ कांग्रेस नेता को यह नोटिस वर्ष 2016 के ‘स्टिंग ऑपरेशन’ मामले में दिया गया है ।

रावत के मीडिया सलाहकार सुरेंद्र कुमार ने बताया कि नोटिस में सीबीआई ने उन्हें सात नवंबर को अपनी आवाज का नमूना देने के लिए ब्यूरो के देहरादून कार्यालय में बुलाया है ।

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने सीबीआई द्वारा नोटिस दिए जाने की जानकारी स्वयं भी सोशल मीडिया पर साझा की और कहा कि अस्पताल में उनसे मिलने उनके सीबीआई के दोस्त आए और उन्हें नोटिस दिया ।

उन्होंने लिखा,‘‘जौलीग्रांट हॉस्पिटल में मेरे स्वास्थ्य की जानकारी लेने के लिए एक बड़ी महत्वपूर्ण संस्था भी आई, सीबीआई के दोस्त आये और उन्होंने मुझे एक नोटिस दिया, तो मुझे बड़ा ताज्जुब हुआ।’’

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रावत ने तंज कसते हुए कहा कि अस्पताल में लोग उनका हाल चाल पूछने के लिए आ रहे हैं तो सीबीआइ को भी लगा होगा कि उनसे देश की अखंडता, एकता, सुरक्षा और लोकतंत्र को कुछ ज्यादा खतरा है, इसलिए उन्होंने हास्पिटल में ही नोटिस दे दिया ।

उन्होंने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा, ‘वाह, सीबीआई' !

वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने इस संबंध में सीबीआई द्वारा नोटिस दिए जाने की तस्वीरें भी पोस्ट की हैं ।

दो दिन पहले हल्द्वानी से काशीपुर जाते समय रावत की कार सड़क के बीच बने डिवाइडर से टकराकर दुर्घटनाग्रस्त हो गयी थी जिसमें उन्हें कुछ झटके लगे थे । बाद में गर्दन और कमर में दर्द की शिकायत के बाद उन्हें जौलीग्रांट अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां चिकित्सकों ने उन्हें बीस दिन के 'पूर्ण आराम' की सलाह दी है ।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी नई दिल्ली से लौटते ही सीधे जौलीग्रांट अस्पताल पहुंचे और रावत से मिलकर उनकी कुशल क्षेम जानी । उन्होंने उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी लेते हुए उनके जल्द स्वस्थ होने की कामना की ।

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‘स्टिंग ऑपरेशन’ मामले में विशेष सीबीआई अदालत ने जुलाई में रावत तथा तीन अन्य नेताओं, राज्य के पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत, द्वाराहाट से कांग्रेस विधायक मदन बिष्ट तथा स्टिंग करने वाले पत्रकार और अब खानपुर से निर्दलीय विधायक उमेश शर्मा को अपनी आवाज के नमूने देने के आदेश दिए थे ।

वर्ष 2016 में 10 कांग्रेस विधायकों के हरीश रावत के नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ विद्रोह करने और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से हाथ मिलाने के बाद यह ‘स्टिंग ऑपरेशन’ सामने आया था। इस स्टिंग में सुनाई दे रही आवाजों के मिलान के लिए सीबीआई ने अदालत से नेताओं के आवाज के नमूने लेने की अनुमति मांगी थी।

स्टिंग वीडियो में अपनी सरकार बचाने के लिए रावत असंतुष्ट विधायकों का समर्थन फिर से हासिल कर सत्ता में बने रहने के लिए कथित तौर पर सौदेबाजी करते नजर आ रहे थे। वीडियो सामने आने के बाद पहले से ही अस्थिर राज्य की राजनीति में भूचाल आ गया था।

उस वक्त कांग्रेस विधायकों की बगावत के बाद बनी परिस्थितियों में राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया था। हालांकि, उच्चतम न्यायालय के आदेश पर विधानसभा में हुए शक्तिपरीक्षण में बहुमत हासिल करके रावत सरकार फिर बहाल हो गयी थी लेकिन इसमें बागी विधायकों को मत डालने के अधिकार से वंचित कर दिया गया था।










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