टीका कार्यक्रमों के बारे में गलत सूचनाओं से परेशान हैं टीका समर्थक
कोविड रोधी टीके की अब तक 13 अरब से अधिक खुराक दी जा चुकी हैं और हम जानते हैं कि कोविड रोधी टीके अत्यधिक सुरक्षित, प्रभावी और महत्वपूर्ण उपाय हैं। हालांकि बहुत दुर्लभ मामलों में, टीकों को गंभीर दुष्प्रभावों और मौत से भी जोड़ा जा सकता है।
साउथम्पटन: (इंग्लैंड) 15 जनवरी (द कन्वरसेशन) सांसद एंड्रयू ब्रिजेन को कोविड टीकों के बारे में लगातार गलत सूचना देने के लिए 11 जनवरी को कंजरवेटिव पार्टी से निलंबित कर दिया गया था, जिसमें टीकों की सुरक्षा के बारे में कई झूठे दावे भी शामिल थे। उन्होंने टीकाकरण कार्यक्रम को ‘तबाही’ बताया था।
कोविड रोधी टीके की अब तक 13 अरब से अधिक खुराक दी जा चुकी हैं और हम जानते हैं कि कोविड रोधी टीके अत्यधिक सुरक्षित, प्रभावी और महत्वपूर्ण उपाय हैं। हालांकि बहुत दुर्लभ मामलों में, टीकों को गंभीर दुष्प्रभावों और मौत से भी जोड़ा जा सकता है।
ब्रिटेन में ‘मेडिसिंस एंड हेल्थकेयर प्रोडक्ट्स रेगुलेटरी एजेंसी’ और ‘ऑफिस फॉर नेशनल स्टैटिस्टिक्स’ (ओएनएस) द्वारा टीके के प्रतिकूल प्रभावों से संबंधित मामलों पर नजर रखी जाती है।
ओएनएस ने बताया है कि नवंबर 2022 तक इंग्लैंड में 50 लोगों की मौत हुई थी और वेल्स में एक व्यक्ति की मौत हुई थी। मौत के इन मामलों में कोविड टीका एक कारण था।
कोविड टीकों के कारण जो प्रभाव सामने आ रहे हैं उनमें मायोकार्डिटिस (हृदय की मांसपेशियों की सूजन) और थ्रोम्बोसिस (रक्त के थक्के) शामिल हैं।
किसी रक्तवाहिका के अन्दर रक्त के जम जाने के कारण रक्त के प्रवाह को बाधित करने को 'घनास्रता' (थ्रोम्बोसिस) कहा जाता है।
यह भी पढ़ें |
जीएसके ने पेश किया ये खास टीका, करेगा इस बीमारी से बचाव
टीके से जुड़े थ्रोम्बोसिस के मामले दुर्लभ हैं। एस्ट्राजेनेका कोविड टीके की लगभग 50,000 खुराकों में से एक में ऐसा मामला सामने आ सकता है। इनमें से थ्रोम्बोसिस के कुछ मामले गंभीर हो सकते हैं। एमआरएनए टीके एस्ट्राजेनेका टीके के लिए एक अलग टीका तकनीक पर आधारित हैं और इनका इस्तेमाल अब आमतौर पर ब्रिटेन में किया जाता है। हालांकि एस्ट्राजेनेका टीके का इस्तेमाल दुनिया भर में जारी है।
एमआरएनए टीके (फाइजर और मॉडर्ना से) लगवाने के बाद युवकों में मायोकार्डिटिस का खतरा थोड़ा बढ़ जाता है। ये मामले आमतौर पर मामूली होते हैं और मरीज जल्द ठीक हो जाते हैं।
हालांकि, कोविड संक्रमण के साथ इन परिस्थितियों में खतरा ज्यादा होता है। एक अध्ययन से पता चला था कि टीकाकरण के बाद कोविड संक्रमण के बाद मायोकार्डिटिस का खतरा अधिक होता है।
कई अध्ययनों में इस बात पर प्रकाश डाला गया है कि हल्के कोविड संक्रमण के बाद भी थ्रोम्बोसिस का जोखिम कैसे बढ़ जाता है।
टीके से होने वाले दुष्प्रभाव बहुत दुर्भाग्यपूर्ण होते हैं, और जब किसी की जान चली जाती है तो और भी दुखद होता है। लेकिन साक्ष्यों से पता चलता है कि टीकाकरण के फायदे जोखिमों से बहुत अधिक हैं।
गलत सूचना:
हम बिना किसी साक्ष्य के बार-बार व्यक्ति की मौत या चोटों को कोविड टीकों से जोड़ते हुए देखते हैं। एक हालिया उदाहरण अमेरिकी फुटबॉल खिलाड़ी डामर हैमलिन का है जो खेल के दौरान मैदान पर गिर गये थे। इस बात का कोई साक्ष्य नहीं है कि उन पर कोविड टीके का कोई दुष्प्रभाव था।
यह भी पढ़ें |
कोविड-19 के टीके को लेकर आई ये बड़ी खबर, पढ़ें ये खास रिपोर्ट
ब्रिजेन द्वारा टीकाकरण कार्यक्रम की तबाही (होलोकॉस्ट) से तुलना करना कोई नई रणनीति नहीं है। कुछ टीका विरोधी समुदायों में भड़काऊ बयानबाजी आम है।
हालांकि हममें से ज्यादातर लोग अपने कोविड टीके के लिए पंक्तियों में लगते हैं, या अपने बच्चों को उनके नियमित टीकाकरण के लिए ले जाते हैं। टीकाकरण कार्यक्रमों में उनका विश्वास महत्वपूर्ण है।
मुआवजे के बारे में क्या?
ब्रिटेन सहित कई देशों में उन लोगों के लिए मुआवजे की योजना है, जिन्हें कोई ऐसी चोट लगी है या दुष्प्रभाव हुआ, जो टीकाकरण के कारण होने की आशंका है।
मुआवजा कार्यक्रम महत्वपूर्ण हैं। ऐसे कार्यक्रम पारदर्शी और स्पष्ट होने चाहिए। लेकिन साथ ही, टीका विरोधी समुदाय से गलत सूचना और भड़काऊ बयानबाजी उन लोगों को परेशान कर रही है जो टीकाकरण कार्यक्रम के पक्ष में खड़े हैं।