चुनाव से पहले रेल मंत्री वाराणसी का तो कर रहे हैं दौरा, क्या करेंगे अन्य जिलों का भी दौरा?
लोकसभा चुनाव से ठीक पहले रेल मंत्री पीयुष गोयल ने यूपी के वाराणसी का तो दौरा कर लिया क्या अब वे प्रदेश के अन्य जगहों का भी दौरा करेंगे? यह देखकर बड़ा अजीब लग रहा है कि जैसे-जैसे लोकसभा चुनाव करीब आ रहे हैं वैसे-वैसे यहां केंद्र सरकार के नेता पहुंच रहे हैं। डाइनामाइट न्यूज़ की रिपोर्ट में पढ़ें कैसा रहा रेल मंत्री का वाराणसी दौरा
वाराणसीः केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल मडुवाडीह दिल्ली सुपर फास्ट फास्ट ट्रेन से आज वाराणसी पहुंचे। गोयल यहां दिवाली कार्यक्रम में शिरकत करने के लिये पहुंचे थे। उन्हें इसके बाद यहां कैंट स्टेशन व मंडुवाडीह स्टेशन का निरीक्षण करना ता लेकिन वह वहां पर नहीं पहुंचकर अचानक से DLW डीरेका कारखाने की तरफ निकल गये। यहां उन्होंने औचक निरीक्षण किया इस दौरान उनके साथ विधायक सौरभ श्रीवास्तव भी मौजूद रहे। रेल मंत्री ने संकट मोचन मंदिर में भी दर्शन किये।
यह भी पढ़ेंः UP में सिर्फ नाम के लिये प्लास्टिक बैन.. रीता बहुगुणा जोशी के कार्यक्रम में खुली पोल
यह भी पढ़ें |
सिद्धार्थनगर: लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुटा प्रशासन, मतगणना स्थलों को लेकर जानिये ये बड़ा अपडेट
पीयूष गोयल के डीरेका कारखाने के पेंट शॉप के निरीक्षण के दौरान यहां विभागीय अधिकारी काफी सचेत दिखे। पेंट शॉप के निरीक्षण के दौरान रेल मंत्री ने प्रगति का भी जायजा लिया। उन्होंने यहां संबंधित अधिकारियों को विशेष दिशा-निर्देश दिये। उनके साथ बीजेपी विधायक सौरभ श्रीवास्तव, शहर उत्तरी के विधायक रवींद्र जायसवाल और पूर्व मेयर रामगोपाल मोहले ने भी अधिकारियों से बातचीत की और रेल मंत्री के नेतृत्व में उन्हें दिशा-निर्देश दिये।
यह भी पढ़ेंः UP सरकार का हाल.. शहीद का किया अपमान, परिजनों के साथ ग्रामीण बैठे धरने पर
यह भी पढ़ें |
यूपी में महराजगंज, संत कबीर नगर, फतेहपुर, वाराणसी समेत 11 सीटों पर बसपा ने घोषित किये उम्मीदवार, देखिये सूची
यह भी पढ़ेंः UP: जब ड्राइवर के बिना चली रोडवेज बस..अंदर सवार थे यात्री,जानिये फिर क्या हुआ
लेकिन रेल मंत्री के लोकसभा चुनाव से ठीक पहले यहां दौरे से अब एक सवाल खड़ा हो रहा है कि क्या नेताओं को प्रदेश के दौरा करने की जहमत अब नजर आ रही हैं। वहीं क्या रेल मंत्री प्रदेश के अन्य जगहों का भी दौरा करेंगे इसका शायद ही अभी भाजपा के नेताओं के पास जवाब मिलेगा लेकिन यह प्रश्न जनता को जरूर चुभ रहा है कि क्या मंत्रियों को अब प्रदेश की सुध-बुध नजर आ रही है।