बैरकपुर में CP कार्यालय के घेराव को लेकर पुलिस और BJP कार्यकर्ताओं में हिंसक झड़प, कई कार्यकर्ता घायल
कानून व्यवस्था की स्थिति बिगड़ने का आरोप लगाते हुए बैरकपुर पुलिस आयुक्तालय की ओर मार्च निकाले से रोके जाने के बाद भाजपा कार्यकर्ताओं की सोमवार को पुलिस से तीखी झड़प हुई। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
कोलकाता: कानून व्यवस्था की स्थिति बिगड़ने का आरोप लगाते हुए बैरकपुर पुलिस आयुक्तालय की ओर मार्च निकाले से रोके जाने के बाद भाजपा कार्यकर्ताओं की सोमवार को पुलिस से तीखी झड़प हुई।
‘जय श्री राम’, ‘भारत माता की जय’ और ‘ममता बनर्जी हाय हाय’ के नारे लगाते हुए 500 से अधिक प्रदर्शनकारी चिड़िया मोड़-बीटी रोड चौराहे पर दो पुलिस अवरोधकों को गिराकर आगे निकल गए।
यह भी पढ़ें: लोक सभा चुनाव से पहले देश में लागू होगा सीएए, जानिये ये बड़ा अपडेट
हालांकि, तीसरे अवरोधक पर उन्हें रोक लिया गया और पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पानी की बौछारों का इस्तेमाल किया।
यह भी पढ़ें |
ISF Protest: कोलकाता के एस्प्लेनेड में ISF के प्रदर्शन में हुई हिंसा की जांच कर रही है पुलिस
डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के अनुसार अधिकारियों ने कहा कि भाजपा कार्यकर्ताओं ने इस दौरान पथराव शुरू कर दिया जिसके बाद पुलिस ने आंसूगैस के गोले छोड़े। इससे अफरा-तफरी मच गई।
भाजपा ने आरोप लगाया कि पुलिस की आक्रामक कार्रवाई की वजह से कई पार्टी कार्यकर्ता घायल हो गए। एक वरिष्ठ अधिकारी ने दलील दी कि पुलिस की कार्रवाई कानून सम्मत थी और हालात को काबू में करने के लिए की गई थी।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने पुलिस पर अन्यायपूर्ण तरीके से शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों पर अनुचित कार्रवाई करने और कई महिला कार्यकर्ताओं को घायल करने का आरोप लगाया।
यह भी पढ़ें |
अतीक-अशरफ की हत्या पर ममता बनर्जी का बड़ा बयान, कहा यूपी की कानून-व्यवस्था से स्तब्ध
मजूमदार ने कहा, ‘‘पश्चिम बंगाल पुलिस एक भगोड़े टीएमसी नेता को तो पकड़ नहीं पाती, जो छापेमारी के दौरान ईडी अधिकारियों पर हमला करता है और बाद में गिरफ्तारी से बच जाता है, वहीं वे शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन में शामिल महिला भाजपा सदस्यों पर हमला करके, उन्हें गंभीर चोट पहुंचाकर अपने दुस्साहस का प्रदर्शन करते हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘सभी घायलों का तत्काल इलाज कराने की जरूरत है। यह पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी के शासन में वास्तविक परिस्थिति का उदाहरण है, जहां लोकतंत्र खतरे में है।’’