गीता प्रेस पुरस्कार विवाद को लेकर केंद्र और कांग्रेस के बीच जुबानी जंग, जानें पूरा मामला
कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी पर ‘‘झूठ बोलने’’ का आरोप लगाते हुए केंद्रीय संस्कृति मंत्री जी किशन रेड्डी ने बुधवार को उनके इस दावे को खारिज कर दिया कि गीता प्रेस को गांधी शांति पुरस्कार देने के फैसले के बारे में उन्हें चयन मंडल ने सूचित नहीं किया था, जिसके वह सदस्य हैं। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर
नयी दिल्ली: कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी पर ‘‘झूठ बोलने’’ का आरोप लगाते हुए केंद्रीय संस्कृति मंत्री जी किशन रेड्डी ने बुधवार को उनके इस दावे को खारिज कर दिया कि गीता प्रेस को गांधी शांति पुरस्कार देने के फैसले के बारे में उन्हें चयन मंडल ने सूचित नहीं किया था, जिसके वह सदस्य हैं।
रेड्डी ने सिलसिलेवार ट्वीट में कहा कि चयन मंडल की बैठक के बारे में संस्कृति मंत्रालय द्वारा कई बार चौधरी को जानकारी दी गई थी और उनके निजी सचिव ने इसे प्राप्त करने की पुष्टि की थी।
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उन्होंने यह भी कहा कि विपक्ष के नेता पारंपरिक रूप से हमेशा गांधी शांति पुरस्कार के चयन मंडल की बैठकों में भाग लेते हैं, भले ही कोई भी पार्टी सत्ता में हो।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, इससे पूर्व, लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि गोरखपुर स्थित प्रसिद्ध गीता प्रेस को वर्ष 2021 के लिए गांधी शांति पुरस्कार प्रदान करने के लिए चयन मंडल की बैठक में न तो उन्हें आमंत्रित किया गया था और न ही फैसले के बारे में सूचित किया गया।
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चौधरी ने कहा, ‘‘मुझे बैठक के बारे में भी नहीं बताया गया। यह सूचना भी नहीं दी गई कि यह पुरस्कार किसे दिया जाना है। मुझे अखबारों से पता चला कि यह पुरस्कार किसे देने का फैसला किया गया है।’’