West Bengal: चुनाव जीतने वाले चार प्रत्याशियों ने लगाया उनके अपहरण का आरोप, जानिये पूरा मामला
पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना जिले में पंचायत चुनाव जीतने वाले चार प्रत्याशियों ने तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के समर्थकों पर उनका अपहरण करने का आरोप लगाया। राज्य की सत्ताधारी पार्टी ने इन आरोपों से इनकार किया है। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर
कोलकाता: पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना जिले में पंचायत चुनाव जीतने वाले चार प्रत्याशियों ने तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के समर्थकों पर उनका अपहरण करने का आरोप लगाया। राज्य की सत्ताधारी पार्टी ने इन आरोपों से इनकार किया है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार कैनिंग पुरबा के टीएमसी विधायक शौकत मोल्ला ने दावा किया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के तीन उम्मीदवार तथा भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) (माकपा) समर्थित एक निर्दलीय उम्मीदवार ने तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने की इच्छा जताई थी। मोल्ला के अनुसार, चारों उम्मीदवार राज्य की ममता बनर्जी सरकार द्वारा की गई विकास पहलों से प्रभावित थे।
उम्मीदवारों के परिजनों ने आरोप लगाया था कि भाजपा उम्मीदवार पूजा छतुई, कमला मंडल, सुशांत मंडल और मथुरापुर में कृष्णचंद्रपुर पंचायत के निर्दलीय उम्मीदवार नारायण हलदर बृहस्पतिवार को लापता हो गए।
इसके बाद सोशल मीडिया पर आए एक वीडियो में उन्होंने दावा कि वे सभी सुरक्षित हैं, सुंदरबन में एक स्थान पर रह रहे हैं और अगस्त के मध्य में पंचायत का बोर्ड गठित होने पर घर लौट आएंगे। हालांकि, ये सभी रविवार को ही लौट आए।
यह भी पढ़ें |
WB Panchayat Poll Results: पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव में टीएमसी का वर्चस्व कायम, जानिये कौन पार्टी कितनी सीटें जीतीं
वापस आने के बाद उन्होंने संवाददाताओं को बताया कि उन सभी का अपहरण किया गया था और सुंदरबन में एक मकान में रखा गया था।
हलदर ने कहा, ‘‘हमसे एक खाली पन्ने पर हस्ताक्षर कराए गए और पूर्व नियोजित वीडियो बनाने के लिए मजबूर किया गया।’’ उन्होंने यह भी बताया कि अपहरणकर्ताओं ने उन्हें शनिवार रात को छोड़ दिया था।
माकपा के वरिष्ठ नेता कांति गांगुली ने आरोप लगाया कि तृणमूल कांग्रेस चुनावों में बहुमत साबित नहीं कर सकी, ऐसे में उसने पंचायत का बोर्ड बनाने के लिए चार उम्मीदवारों का अपहरण किया लेकिन खुद को घिरता देख बाद में उसने उन्हें छोड़ दिया।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने कहा कि इस घटना ने उजागर कर दिया है कि तृणमूल कांग्रेस लोकतंत्र में भरोसा नहीं करती।
यह भी पढ़ें |
West Bengal: खड़गपुर में बिस्किट बनाने की फैक्टरी में लगी आग, जानिये पूरा अपडेट
उन्होंने दावा किया कि तृणमूल कांग्रेस ने पंचायत पर कब्जा करने की कोशिश तो की, लेकिन मीडिया में इस घटना के आ जाने से वह सतर्क हो गई और उसके नेतृत्व को जिला पदाधिकारियों से उम्मीदवारों को रिहा करने के लिए कहना पड़ा।
तृणमूल कांग्रेस के विधायक मोल्ला ने दावा किया कि ये चारों उम्मीदवार सत्ताधारी पार्टी में शामिल होना चाहते थे, लेकिन जब उन्हें यह एहसास हुआ कि उन्हें शामिल नहीं किया जाएगा तो उन्होंने यह कहानी गढ़ी।
तृणमूल कांग्रेस के राज्य प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा, ‘‘टीएमसी को ऐसे चलन में क्यों शामिल होना चाहिए? यह तो भाजपा करती है और कुछ राज्यों में सरकार बनाने के लिए भाजपा ने यही किया है।’’