West Bengal: कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाने वाले बंगाल को बदनाम करने की कोशिश कर रहे
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के तीन अधिकारियों पर हमले को लेकर जारी हंगामे के बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाने वाले लोग राज्य को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर
कोलकाता: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के तीन अधिकारियों पर हमले को लेकर जारी हंगामे के बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाने वाले लोग राज्य को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं।
बनर्जी ने इस बात पर जोर दिया कि राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों में कोलकाता को वर्षों से देश का सबसे सुरक्षित शहर बताया गया है।
उन्होंने किसी विशेष घटना का उल्लेख किये बिना कहा, ‘‘मुझे अपने खिलाफ आलोचनाओं की कोई परवाह नहीं है। लेकिन अगर कोई राज्य को बदनाम करने की कोशिश करेगा तो मैं विरोध करूंगी। कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाने वाले लोग राज्य को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं।’’
तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के नेता शाहजहां शेख के सैकड़ों समर्थकों द्वारा शुक्रवार को किए गए हमले में ईडी के तीन अधिकारी घायल हो गए थे और एजेंसी के कई वाहनों को भी क्षतिग्रस्त कर दिया गया था। यह हमला तब हुआ जब ईडी की टीम राज्य की राशन प्रणाली में कथित अनियमितताओं के संबंध में छापेमारी के लिए शेख के संदेशखाली स्थित घर पहुंची थी।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार ममता बनर्जी यहां ‘स्टूडेंट्स वीक’ कार्यक्रम को संबोधित कर रही थीं। उन्होंने किसी विशिष्ट घटना का स्पष्ट उल्लेख किए बिना कहा, ‘‘दिन भर में बहुत सारी अफवाहें फैलती हैं। अगर सुबह एक भी घटना होती है, तो पूरे दिन उस पर चर्चा की जाती है, जबकि सकारात्मक खबरों पर कम ध्यान दिया जाता है। अगर पश्चिम बंगाल को नकारात्मक रूप से चित्रित किया जाता है, तो मैं इसे स्वीकार नहीं करूंगी।’’
कुछ टेलीविजन चर्चाओं की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा, 'वे (चैनल) नकारात्मक जानकारी फैलाने में रुचि रखते हैं। मैंने एक बार उनमें से एक से पूछा था कि वे लगातार 24 घंटे एक ही घटना क्यों दिखाते हैं तो जवाब था 'दीदी, यह टीआरपी के लिए है। हमें मुद्दे को पूरे दिन बनाये रखना होता है।’’
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बनर्जी ने सवाल किया कि कानून और व्यवस्था की स्थिति उतनी खराब कैसे हो सकती है, जैसा कि इन समूहों द्वारा दर्शाया गया है, जबकि हुगली जिले के श्रीरामपुर थाने को जन शिकायतों और मामलों के निस्तारण के उसके रिकॉर्ड को देखते हुए केंद्र सरकार द्वारा एक मॉडल थाने के रूप में मान्यता दी गई है।
उन्होंने छात्रों को सकारात्मक सोचने के लिए प्रोत्साहित करते हुए कहा, ‘‘यदि आप नकारात्मक सोचते हैं, तो आपका दिमाग नकारात्मक हो जाएगा। संघर्ष आपको नुकसान पहुंचाएगा। हमेशा अच्छे विचार रखें और नकारात्मकता से बचें। सकारात्मक दृष्टिकोण आपको बेहतर इंसान बनने में मदद करेगा।’’
बनर्जी ने कहा कि वह पश्चिम बंगाल में शांति, सद्भाव और भाईचारे की भावना को कभी भी बाधित नहीं होने देंगी। मुख्यमंत्री बनर्जी ने कहा, ‘‘हमारे पास काजी नजरूल इस्लाम जैसे कवि थे, जो राज्य में पैदा हुए थे और बड़ी संख्या में श्यामा संगीत (देवी काली की स्तुति वाले गीतों) की रचना की थी। नजरूल और रवींद्रनाथ टैगोर ने समानता और मानवता के गीत लिखे। बंगाल एक ऐसी जगह है जिसने कभी भी मंदिरों और मस्जिदों के बीच विभाजन को बढ़ावा नहीं दिया है।’’
मुख्यमंत्री बनर्जी ने छात्रों के लिए दो नयी योजनाओं की घोषणा की, जिसके तहत उन्हें मुफ्त प्रशिक्षण और इंटर्नशिप मिलेगी।
'कन्याश्री' परियोजना पर उन्होंने कहा कि 2013 में इसके कार्यान्वयन के बाद से इसे यूनेस्को की वैश्विक मान्यता मिली है। उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षण संस्थानों में रैगिंग से निपटने के लिए राज्य ने शिकायत दर्ज कराने की खातिर एक टोल-फ्री नंबर शुरू किया है।
उन्होंने मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के नेतृत्व वाली राज्य की पूर्ववर्ती वाम मोर्चा सरकार पर 'हमारे लड़कों और लड़कियों को राज्य-संचालित और राज्य-सहायता प्राप्त स्कूलों में कक्षा 5 तक अंग्रेजी सीखने से वंचित करने' का आरोप लगाते हुए कहा कि 'दूसरी ओर, हमारी सरकार ने मांग को पूरा करने के लिए अंग्रेजी माध्यम स्कूल शुरू किये।’’
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उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि, हमने छात्रों के लिए पहली भाषा के रूप में उनकी मातृभाषा में सीखने की नीति को बनाए रखा है।’’ उन्होंने कहा, 'हमारी सरकार छात्रों के समग्र विकास के लिए अपनी नीति में पुराने, मध्ययुगीन और आधुनिक युग को जोड़ने में विश्वास करती है।'
बनर्जी ने स्कूली पाठ्यक्रम में नेताजी सुभाष चंद्र बोस और स्वामी विवेकानंद की दो पुस्तकों को शामिल करने का आह्वान किया।
तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) अध्यक्ष बनर्जी ने महिलाओं के खिलाफ अपराधों से निपटने के लिए त्वरित सुनवायी अदालत बुनियादी ढांचे की स्थापना के लिए आवश्यक धन रोकने का केंद्र सरकार पर आरोप लगाया।
उन्होंने कहा, 'इसके बावजूद, हमने महिला पुलिस थानों की स्थापना और अन्य सुविधाओं को लागू करके अपनी प्रतिबद्धताओं को पूरा करने का प्रयास किया है। अब महिला पुलिस थानों की संख्या देखें।'