West Bengal: संदेशखाली में जबरदस्त बवाल और सियासी उबाल, आधा दर्जन इलाकों में धारा-144
पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में जबरदस्त बवाल मचा हुआ है। इसके साथ ही सियासत में भी उबाल जारी है। आधा दर्ज इलाकों में मंगलवार को धारा-144 लगाई गई है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
नई दिल्ली/कोलकाता: पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में जबरदस्त बवाल मचा हुआ है। मामले को लेकर सियासत गरमाती जा रही है। पश्चिम बंगाल में सत्तारुढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) और भारतीय जनता पार्टी आमने-सामने है। दोनों दल एक-दूसरे पर आरोपी प्रत्यारोप लगा रहे हैं। संदेशखाली के आधा दर्जन इलाकों में धारा-144 लगाई गई है।
कलकत्ता हाई कोर्ट ने शुभेंदु अधिकारी को संदेशखाली जाने की इजाजत दी है। हाई कोर्ट ने पुलिस को सुरक्षा व कानून-व्यवस्था का ध्यान रखने का सख्त आदेश दिया है।
भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी ने मंगलवार को संदेशखाली रवाना होने का ऐलान किया था। लेकिन उनको पुलिस द्वारा धमखाली में रोक दिया गया, जिसके बाद भाजपा नेताओं में भारी आक्रोश है। शुभेंदु अधिकारी को रोके जाने पर भाजपा नेता धरने पर बैठ गये। धमखाली में भी धारा-144 लगा दी गई है।
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हाई कोर्ट ने शुभेंदु अधिकारी समेत दो लोगों को संदेशखाली जाने की इजाजत दी है। शुभेंदु को सुरक्षा कर्मियों के साथ जाने को कहा है। कुछ देर के लिये रोके जाने के बाद शुभेंदु अधिकारी फिर संदेशखाली के लिये रवाना हो गये हैं।
संदेशखाली रवाना होने से पहले शुभेंदु अधिकारी ने ममता सरकार के इशारों पर पुलिस द्वारा उनको रोकने का आरोप लगाया था। भाकपा नेता बृंदा करात ने इस मामले में अदालत की अवमानना का आरोप लगाया है। इसके साथ ही उन्होंने सच को छुपाने और शुभेंदु अधिकारी को बचाने का भी आरोप लगाया है।
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संदेशखाली की स्थिति ने सत्तारूढ़ और विपक्षी दलों के बीच वाकयुद्ध छेड़ दिया है। भाजपा ने संदेशखाली में महिलाओं के खिलाफ अत्याचार का आरोप लगाया है और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भाजपा पर क्षेत्र का माहौल बिगाड़ने का का आरोप लगाया है।
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संदेशखाली में काफी दिनों से अशांति का माहौल है, क्योंकि महिला प्रदर्शनकारी टीएमसी नेता शेख शाहजहां और उनके सहयोगियों द्वारा किए गए कथित अत्याचारों के खिलाफ न्याय की मांग कर रही हैं। मामला लगातार मीडिया की सुर्खियों में है और गर्माता जा रहा है।