कला में पश्चिम का प्रभुत्व ऐतिहासिक कारणों से, गुणवत्ता से नहीं : अभिजीत बनर्जी

डीएन ब्यूरो

नोबेल पुरस्कार से सम्मानित भारतीय-अमेरिकी अर्थशास्त्री अभिजीत बनर्जी ने रविवार को कहा कि कला क्षेत्र में अमेरिका और यूरोप का प्रभुत्व सिर्फ ऐतिहासिक कारणों से है, न कि कलात्मक सामग्री की गुणवत्ता या अहमियत की वजह से। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर

भारतीय-अमेरिकी अर्थशास्त्री अभिजीत बनर्जी (फाइल फोटो)
भारतीय-अमेरिकी अर्थशास्त्री अभिजीत बनर्जी (फाइल फोटो)


कोच्चि: नोबेल पुरस्कार से सम्मानित भारतीय-अमेरिकी अर्थशास्त्री अभिजीत बनर्जी ने रविवार को कहा कि कला क्षेत्र में अमेरिका और यूरोप का प्रभुत्व सिर्फ ऐतिहासिक कारणों से है, न कि कलात्मक सामग्री की गुणवत्ता या अहमियत की वजह से।

बनर्जी ने कहा कि कोच्चि-मुजिरिस बिएनाले के पांचवें संस्करण में कला क्षेत्र में जागरूकता को लेकर विकासशील देशों का नया जोश साफ दिखाई दे रहा है।

यह भी पढ़ें | Uniform Civil Code: समान नागरिक संहिता पर जानिये नोबेल पुरस्कार विेजेता अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन की ये खास राय

बनर्जी ने कहा, “यह (बिएनाले) भारत के लिए महत्वपूर्ण है। इसी तरह, बिएनाले जैसे कला समारोह अन्य विकासशील देशों के लिए भी अहम हैं। कला क्षेत्र में अमेरिका और यूरोप का प्रभुत्व सिर्फ ऐतिहासिक कारणों से है, न कि कलात्मक सामग्री की गुणवत्ता या अहमियत की वजह से।”

उन्होंने कहा, “यूरोप की कलाकृतियों के मुकाबले पेरू की कलाकृतियां हमें ज्यादा झकझोरती हैं। अपने अद्वितीय रचनात्मक कार्यों के माध्यम से पेरू, मैक्सिको, फलस्तीन जैसे देशों के कलाकार अपने संबंधित क्षेत्रों में नए विचारों और आख्यानों को आकार देने में सफल रहे हैं।”

यह भी पढ़ें | नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन को जमीन खाली करने को कहा गया, जानिये पूरा मामला










संबंधित समाचार