जेनेवा संधि: जानिए जब कोई सैनिक किसी दूसरे देश की सीमा में पकड़ा जाता है तो क्या होता है, क्या हैं युद्ध बंदियों के नियम…
भारतीय पायलट पाकिस्तान की कस्टडी में है और भारत ने पाकिस्तान से कहा है कि सैनिक को किसी तरह का कोई नुकसान ना पहुंचे। जेनेवा समझौते के तहत पाकिस्तान भारत के पायलट को नुकसान नहीं पहुंचा सकता है। युद्धबंदियों के अधिकारों को बरकरार रखने के जेनेवा समझौते में कई नियम दिए गए हैं। डाइनामाइट न्यूज़ की इस रिपोर्ट में जानें पूरा नियम..
नई दिल्ली: भारत के विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान के दावे पर पुष्टि करते हुए बुधवार शाम एक बयान जारी किया। बयान में कहा गया है कि हमारा एक पायलट पाकिस्तान की कस्टडी में है और हम पाकिस्तान से मांग करते हैं कि वह भारतीय वायुसेना के उस पायलट को तुरंत सुरक्षित वापस भेजें। भारत ने ये भी कहा कि पाकिस्तान यह सुनिश्चित करे कि सैनिक को कोई नुकसान ना पहुंचे।
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बता दें कि जेनेवा समझौते के तहत पाकिस्तान भारत के पायलट को नुकसान नहीं पहुंचा सकता। युद्धबंदियों के अधिकारों को बरकरार रखने के जेनेवा समझौते में कई नियम दिए गए हैं। जेनेवा समझौते में चार संधियां और तीन अतिरिक्त प्रोटोकॉल (मसौदे) शामिल हैं, जिसका मकसद युद्ध के वक्त मानवीय मूल्यों को बनाए रखने के लिए कानून तैयार करना है। मानवता को बरकरार रखने के लिए पहली संधि 1864 में हुई थी। इसके बाद दूसरी और तीसरी संधि 1906 और 1929 में हुई। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद 1949 में 194 देशों ने मिलकर चौथी संधि की थी।
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जेनेवा संधि से जुड़ी मुख्य बातें
1. इस संधि के तहत घायल सैनिक की उचित देखरेख की जाती है।
2. संधि के तहत उन्हें खाना पीना और जरूरत की सभी चीजें दी जाती है।
3. इस संधि के मुताबिक किसी भी युद्धबंदी के साथ अमानवीय बर्ताव नहीं किया जा सकता।
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4. किसी देश का सैनिक जैसे ही पकड़ा जाता है उस पर ये संधि लागू होती है (फिर चाहे वह स्त्री हो या पुरुष)।
5. संधि के मुताबिक युद्धबंदी को डराया-धमकाया नहीं जा सकता।
6. युद्धबंदी की जाति, धर्म, जन्म आदि बातों के बारे में नहीं पूछा जाता।