Faiz Hameed कौन हैं? फैज पर क्यों शुरू हुई कोर्ट मार्शल की कार्रवाई?
गंभीर आरोपों के चलते फैज हमीद को पाकिस्तानी सेना ने गिरफ्तार कर लिया है। अब फैज के खिलाफ कोर्ट मार्शल की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज पर ये पूरी खबर
Faiz Hameed: पाकिस्तान (Pakistan) की सेना ने इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस के पूर्व प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल फैज हमीद को गिरफ्तार किया है। इसके साथ ही हमीद के खिलाफ कोर्ट मार्शल की कार्रवाई शुरू कर दी गई है।
पाकिस्तानी सेना का कहना है कि पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के आदेशों का अनुपालन करते हुए फील्ड जनरल कोर्ट मार्शल की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। कई लोगों का कहना है कि यह जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के सहयोगियों पर कार्रवाई का हिस्सा है।
यह भी पढ़ें |
पाकिस्तानी सेना में उथल-पुथल, रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल के कोर्ट मार्शल की मांग, जानिये पूरा मामला
आखिर कौन हैं फ़ैज हमीद?
लेफ्टिनेंट जनरल फैज़ हमीद (सेवानिवृत्त) ने 2019 से 2021 तक पाकिस्तान की आईएसआई (ISI) का नेतृत्व किया था। वे देश के सुरक्षा तंत्र में एक प्रमुख व्यक्ति थे। उन्होंने जनरल असीम मुनीर का स्थान लिया था, जो संयोग से वर्तमान पाकिस्तान सेना प्रमुख हैं।
2021 में हमीद को अंतरराष्ट्रीय ख्याति तब मिली जब अगस्त 2021 में समूह द्वारा अफगानिस्तान (Afganistan) पर कब्ज़ा करने के तुरंत बाद काबुल के सेरेना होटल में तालिबान के साथ चाय पीते हुए उनके दृश्य सामने आये।
यह भी पढ़ें |
देश का रक्षा उत्पादन पहली बार एक लाख करोड़ रुपये के पार
हमीद की गिरफ़्तारी
फैज हमीद की गिरफ्तारी और उसके बाद कोर्ट मार्शल (Court Marshal) एक आवास योजना घोटाले से जुड़ा है। इसे टॉप सिटी मामला कहा जाता है। यह तब सुर्खियों में आया जब टॉप सिटी हाउसिंग डेवलपमेंट के मालिक मोइज़ अहमद खान ने पाकिस्तान के सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर की, जिसमें आरोप लगाया गया कि हमीद के इशारे पर आईएसआई ने उनके कार्यालय और आवास पर छापा मारा था। छापेमारी के दौरान सोना, हीरे और नकदी जब्त की गई। उन्होंने आरोप लगाया कि हमीद ने उससे 4 करोड़ रुपये की उगाही की है।
नजरअंदाज नहीं किये जा सकते आरोप
आरोपों के जवाब में पाकिस्तान की अदालत ने रक्षा मंत्रालय (Defence Ministry) को जांच करने का आदेश देते हुए कहा था कि हमीद के खिलाफ आरोप बेहद गंभीर थे और आरोपों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। अगर आरोप सच साबित हुए तो वे देश की संघीय सरकार, सशस्त्र बलों, आईएसआई और पाकिस्तान रेंजर्स सहित पाकिस्तान के संस्थानों की प्रतिष्ठा को कमजोर करेगा।