पश्चिम बंगाल के राज्यपाल का केंद्रीय मंत्री पर हमला, कहा- मूक दर्शक नहीं बना रहूंगा
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी वी आनंद बोस ने केंद्रीय मंत्री निशीथ प्रमाणिक पर हमले की निंदा करते हुए रविवार को कहा कि वह बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर ‘‘मूक दर्शक’’ नहीं बने रहेंगे और उन्होंने राज्य सरकार से इस संबंध में कार्रवाई रिपोर्ट मांगी है। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर
कोलकाता: पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी वी आनंद बोस ने केंद्रीय मंत्री निशीथ प्रमाणिक पर हमले की निंदा करते हुए रविवार को कहा कि वह बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर ‘‘मूक दर्शक’’ नहीं बने रहेंगे और उन्होंने राज्य सरकार से इस संबंध में कार्रवाई रिपोर्ट मांगी है।
राज भवन द्वारा जारी एक बयान में बोस ने डाइनामाइट न्यूज़ से कहा कि उन्होंने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री प्रमाणिक से शनिवार को हुई घटना को लेकर बातचीत की।
उन्होंने कहा, ‘‘यह स्तब्धकारी है कि ऐसी घटनाएं एक ऐसी जमीन पर हुईं जो अपनी परिष्कृत संस्कृति और सभ्य आचरण के जीवंत इतिहास के लिए जानी जाती है।’’
बयान में हमले और संविधान के ‘‘अनुच्छेद 355 को लागू करने की मांग’’ को लेकर कहा गया, ‘‘राज्यपाल राज्य में कहीं भी, कभी भी कानून-व्यवस्था के बिगड़ने को लेकर मूक दर्शक नहीं बना रहेंगे और यह सुनिश्चित करने के लिए मजबूती से और प्रभावी हस्तक्षेप किया जाएगा कि सड़ांध को जड़ से प्रभावी ढंग से उखाड़ा जाए और शांति एवं सद्भाव बहाल हो।’’
यह भी पढ़ें |
West Bengal: अचानक ममता ने की राज्यपाल बोस से मुलाकात, जानिये किन मुद्दों पर की बात
प्रमाणिक ने शनिवार को आरोप लगाया था कि तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के समर्थकों ने पश्चिम बंगाल में कूचबिहार जिले के दिनहाटा में उनके काफिले पर हमला किया था। हालांकि, राज्य में सत्तारूढ़ टीएमसी ने आरोपों को ‘‘बेबुनियाद’’ करार दिया।
राज्यपाल बोस ने राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति पर पहली बार बयान दिया है। अपने पूर्ववर्ती राज्यपाल जगदीप धनखड़ के विपरीत उन्होंने नवंबर में कार्यभार संभालने के बाद से टीएमसी सरकार के साथ अब तक सौहार्दपूर्ण संबंध बनाए रखा है।
मंत्री के काफिले पर उस वक्त हमला किया गया, जब वह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कार्यकर्ताओं से मिलने के लिए एक कार्यक्रम में जा रहे थे। टीएमसी समर्थकों ने उन्हें काले झंडे दिखाये, जिसके बाद दोनों दलों के समर्थकों के बीच झड़प हो गई और कई लोग घायल हो गए।
बोस ने कहा कि प्रदर्शन लोकतंत्र का हिस्सा हैं, लेकिन ‘‘हिंसा सभ्य आचरण का हिस्सा नहीं हो सकती।’’
यह भी पढ़ें |
डीए वृद्धि की मांग पर बंगाल के राज्यपाल का बड़ा बयान, हड़ताल पर बैठे कर्मचारियों से कही ये बात
उन्होंने कहा कि कानून अपने हाथ में लेने की कोशिश करने वाले असामाजिक तत्वों से सख्ती से निपटा जाएगा।
उन्होंने कहा, ‘‘जिम्मेदार कानून प्रवर्तन अधिकारियों से तुरंत कार्रवाई रिपोर्ट मांगी जाती है।’’
सत्तारूढ़ टीएमसी ने इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि राज्यपाल भाजपा के उन कुछ नेताओं की टिप्पणियों का उल्लेख करना ‘‘भूल गए’’ जो लोगों को भड़का रहे हैं, जिससे हिंसा हो रही है।
इस बीच, भाजपा की राज्य इकाई के प्रवक्ता समिक भट्टाचार्य ने कहा कि राज्यपाल ने पश्चिम बंगाल में बिगड़ती कानून व्यवस्था के मुद्दे को उठाकर उचित किया है।