Mumbai: लापरवाही से वाहन चलाने के मामले में साक्ष्यों के अभाव में एक महिला बरी
मुंबई की एक अदालत ने गलत दिशा में वाहन चलाने के मामले में 21-वर्षीया एक महिला को इस आधार पर बरी कर दिया कि ट्विटर पर डाली गई इस घटना की तस्वीर को इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य साबित करने में पुलिस असफल रही। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर
मुंबई: मुंबई की एक अदालत ने गलत दिशा में वाहन चलाने के मामले में 21-वर्षीया एक महिला को इस आधार पर बरी कर दिया कि ट्विटर पर डाली गई इस घटना की तस्वीर को इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य साबित करने में पुलिस असफल रही।
गिरगांव अदालत के मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट एन. ए. पटेल ने 20 फरवरी, 2023 को भारतीय दंड संहिता की धारा 279 (लापरवाही से वाहन चलाने) और 336 (दूसरों के जीवन और सुरक्षा को खतरे में डालने वाला कार्य) तथा मोटर वाहन अधिनियम के प्रासंगिक प्रावधानों के तहत दर्ज आरोपों से महिला को बरी कर दिया।
अदालत के आदेश की प्रति हाल ही में उपलब्ध कराई गयी है।
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पुलिस ने एक साइकिल चालक द्वारा ट्विटर पर साझा की गई तस्वीर के आधार पर गांवदेवी इलाके में गलत दिशा में दोपहिया वाहन चलाने के आरोप में एक महिला के खिलाफ मामला दर्ज किया था। यह कथित घटना 18 मई, 2022 को हुई थी।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार मामले में सुनवाई के दौरान अदालत ने तीन व्यक्तियों- ट्विटर स्वयं सहायता समूह के एक सदस्य, जांच अधिकारी और साइकिल चालक से पूछताछ की।
अदालत ने कहा कि जहां तक ट्विटर स्वयं सहायता समूह के सदस्य और साइकिल चालक के साक्ष्य की बात है, तो दोनों ही घटनास्थल पर मौजूद नहीं थे।
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अदालत ने कहा कि अभियोजन ट्विटर पर पोस्ट की गई तस्वीर को इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य साबित करने में असफल रहा।