पांच साहसिक महिलाएं, जिनकी वजह से सुप्रीम कोर्ट पहुंचा तीन तलाक का मुद्दा
जिन महिलाओं ने सुप्रीम कोर्ट ने में तीन तलाक के खिलाफ आवाज उठाई और कोर्ट में याचिका दायर की उनके नाम कुछ इस तरह से हैं।
नई दिल्ली: तलाक, तलाक, तलाक, हमारे और आप के लिये ये महज एक शब्द है लेकिन इस्लाम में देखा जाये तो ये मुस्लिम महिलाओं से जुड़ा अहम पहलू है। यही पहलू तीन तलाक के मुद्दे में बदलकर सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। सुप्रीम कोर्ट ने आज तीन तलाक पर ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुये इसे असंवैधानिक घोषित कर दिया है। सदियों से तीन तलाक का प्रचलन है लेकिन क्या आपको पता है कि ये मुद्दा आज इस मुकाम तक कैसे पहुंचा?
डाइनामाइट न्यूज़ की इस रिपोर्ट में हम आपको बताने जा रहे हैं कि किन-किन वजहों से तीन तलाक का मुद्दा आज सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है।
दरअसल जिन महिलाओं ने सुप्रीम कोर्ट में तीन तलाक के खिलाफ आवाज उठाई और कोर्ट में याचिका दायर की उनकी कहानी कुछ इस तरह हैं।
शाह बानो
मध्य प्रदेश के इंदौर की रहने वाली शाह बानो को उनके पति मोहम्मद अहमद खान ने तलाक दे दिया था। शाह बानो के पांच बच्चे हैं। इन बच्चों के भरण-पोषण के लिए शाह बानो ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और पति से भत्ता दिलाने की गुजारिश की। निचली अदालत ने शाह बानो के पक्ष में अपना फैसला सुनाया।
उसके बाद सायरा ने मुस्लिम समुदाय में तीन तलाक, निकाह हलाला और बहु-विवाह के प्रचलन को असंवैधानिक घोषित किए जाने की मांग की है। उनकी वजह से तीन ही तलाक का ये मुद्दा आज एक राष्ट्रीय मुद्दा बन गया।
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आफरीन रहमान
जयपुर की रहने वाली आफरीन की शादी के काफी टाइम बाद उनके पति ने डाक के जरिये उन्हें एक लेटर भेज कर तलाक दिया।
उसके बाद आफरीन ने सुप्रीम कोर्ट में इस फैसले को रखा और तीन तलाक को पूरी तरह से खत्म करने की अपील की।
गुलशन परवीन
उत्तर प्रदेश के रामपुर में रहने वाली गुलशन की शादी के बाद उनके पति ने दस रुपये के स्टांप पेपर पर तलाकनामा भेजा था। उस समय गुलशन का बेटा 2 साल का था।
उसकी भरण पोषण और आगे की जिंदगीं गुजारने के लिए गुलशन ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की साथ ही उन्होंने तीन तलाक को खत्म करने की भी मांग की, और आज उनकी मांग सफल साबित हुई।
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आतिया साबरी
यूपी की सहारनपुर की रहने वाली आतिया के पति ने उनसे साल 2016 में एक पेपर पर तीन तलाक लिखकर रिश्ता तोड़ दिया। बातचीत के दौरान आतिया ने बताया कि उनके पति के उनसे अलग होने की वजह ये थी कि उनकी दो बेटी थी। आतिया ने यहां तक बताया कि उनके पति और उनके घर वाले मेरे दोनों बेटी को जहर खिलाकर मारने की कोशिश भी किये। इस बात से गुस्साये आतिया ने कोर्ट में पति के खिलाफ शिकायत दर्ज कर दी और सुप्रीम कोर्ट से तीन तलाक को खत्म करने की अपील की।
इशरत जहां
पश्चिम बंगाल के हावड़ा की रहने वाली इशरत का कहना है कि उऩके पति ने उन्हें फोन करके तलाक दे दिया। इतना हरी नहीं इशरत के पति ने उनके तीन बच्चों को भी छीन लिया। उसके बाद इशरत ने कोर्ट में अपील कर इस प्रथा क खत्म करने की अपील की।
मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट की तरफ से तीन तलाक के खिलाफ आवाज उठाने वाली मुस्लिम महिलाओं की आंखे भर आई। कई महिलाओं ने कोर्ट के इस फैसले पर अपनी खुशी जताई और कहा कि हमारे साथ जो हुआ वो हुआ लेकिन इस फैसले से अब आने वाली पीढ़ी को बड़ी राहत मिली है।