महिला जूनियर एशिया कप: जापान को हराकर भारत ने फाइनल में, विश्व कप टिकट पर भी भारत की निगाह
सुनेलिता टोप्पो के मैदानी गोल के दम पर भारत ने महिला जूनियर एशिया कप हॉकी के रोमांचक सेमीफाइनल मुकाबले में जापान को 1-0 से शिकस्त देकर फाइनल में जगह पक्की करने के साथ एफआईएच जूनियर विश्व कप का टिकट भी कटा लिया। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर
काकामिघारा: सुनेलिता टोप्पो के मैदानी गोल के दम पर भारत ने महिला जूनियर एशिया कप हॉकी के रोमांचक सेमीफाइनल मुकाबले में जापान को 1-0 से शिकस्त देकर फाइनल में जगह पक्की करने के साथ एफआईएच जूनियर विश्व कप का टिकट भी कटा लिया।
इस जूनियर विश्व कप का आयोजन 29 नवंबर से 10 दिसंबर तक सैंटियागो में होगा।
महिला जूनियर एशिया कप 2023 की शीर्ष तीन टीमें वैश्विक प्रतियोगिता के लिए क्वालीफाई करेगी।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार भारतीय महिला टीम 2012 के बाद दूसरी बार जूनियर एशिया कप फाइनल में पहुंची है।
मैच का शुरूआती तीन क्वार्टर गोलरहित रहने के बाद सुनेलिता ने 47वें मिनट में मैदानी गोल कर भारत का खाता खोला।
भारत रविवार को फाइनल में चीन या कोरिया से भिड़ेगा।
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यह दोनों टीमों को इस कड़े मुकाबले में गोल करने के कई मौके मिले लेकिन ‘सेट पिस’ पर कोई भी टीम गोल नहीं कर सकी। भारत और जापान को कुल मिला कर 12 पेनल्टी कॉर्नर मिले।
भारत ने आक्रामक तरीके से मैच की शुरुआत की और गेंद को ज्यादा समय तक अपने पास रखने के साथ जापान के सर्कल के पास दबदबा बनाया।
भारत के शुरुआती दबदबे के बाद जापान मैच में वापसी करने में सफल रहा। शुरुआती क्वार्टर के आखिरी मिनट से पहले जापान ने पेनल्टी कॉर्नर हासिल किया लेकिन भारतीय गोलकीपर माधुरी किंडो ने कमजोर ड्रैग फ्लिक को आसानी से ब्लॉक कर दिया।
जापान ने इसके तुरंत बाद एक और पेनल्टी कॉर्नर हासिल किया लेकिन इस बार गेंद गोल पोस्ट से काफी दूर से निकल गयी।
दूसरे क्वार्टर के तीसरे मिनट में जापान ने एक और पेनल्टी कॉर्नर हासिल किया लेकिन माधुरी ने फिर से अच्छा बचाव किया।
इसके अगले मिनट गोलकीपर मिसाकी सैतो ने भारतीय खिलाड़ी वैष्णवी फालके के पेनल्टी कॉर्नर को विफल कर दिया। मध्यांतर से पहले दो टीमों ने पूरा दमखम लगाया लेकिन किसी को सफलता नहीं मिली।
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गोल छोर के बदलाव के बाद जापान ने गेंद को अपने पाले में ज्यादा रखने की कोशिश की और फिर आक्रामक रूख अपनाते हुए भारत पर दबाव बना दिया।
भारतीय टीम को हालांकि 39वें मिनट में बढ़त लेने का सुनहरा मौका मिला। अनु हालांकि पेनल्टी स्ट्रोक को गोल में बदलने में नाकाम रही। इसके बाद भारतीय टीम एक बार फिर पेनल्टी कार्नर हासिल करने में सफल रही लेकिन उसे इस बार भी निराशा का सामना करना पड़ा।
भारत ने मैच के आखिरी क्वार्टर में टोप्पो के गोल से इस गतिरोध को खत्म किया। महिमा टेटे और ज्योति छेत्री के बनाये मौके को टोप्पो ने गोल में बदल कर भारत को बढ़त दिला दी।
बढ़त लेने के बाद भारतीय खिलाड़ी ने हमले तेज कर दिये लेकिन उन्हें इसका फायदा नहीं मिला। माधुरी ने मैच के आखिरी क्षणों में जापान के पेनल्टी कॉर्नर पर एक और शानदार बचाव कर टीम को जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई।