केदारनाथ-गौरीकुंड में अभी भी फंसे हैं 1000 तीर्थयात्री, 10 हजार से अधिक को किया गया रेस्क्यू, बचाव अभियान जारी
गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल मार्ग पर उफनती मंदाकिनी नदी के चलते सड़क का करीब 20-25 मीटर बह जाने से भीमबली से पहले तीर्थयात्री फंस गये। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
उत्तराखंड: लगातार हो रही बारिश और नदियों का जलस्तर बढ़ने की वजह से एक बार फिर केदारनाथ धाम में हजारों यात्री फंसे हुए हैं, जिन्हें निकालने के लिए बचाव दर द्वारा रेस्क्यू ऑपरेशन पिछले 3 दिनों से जारी है। अधिकारियों ने शनिवार को कहा कि बुधवार रात को भारी बारिश के कारण मार्ग क्षतिग्रस्त होने के बाद अब तक केदारनाथ पैदल मार्ग पर फंसे 10,500 तीर्थयात्रियों को बचाया गया है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार बचाव अभियान में लगे उत्तराखंड के राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) के अधिकारियों ने कहा कि केदारनाथ ट्रेक मार्ग पर विभिन्न स्थानों पर फंसे तीर्थयात्रियों को बचाने का प्रयास शनिवार को भी जारी रहा और दोपहर 3 बजे तक गौरीकुंड-सोनप्रयाग के रास्ते 1,101 लोगों को बचाया गया। हालांकि 1000 तीर्थयात्री अभी भी केदारनाथ, भीमबली और गौरीकुंड में फंसे हैं लेकिन सुरक्षित हैं।
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घोड़ापरव, लिंचोली, बड़ी लिंचोली और भीमबली में बड़े-बड़े चट्टानों के सड़क पर आ जाने से केदारनाथ धाम का पैदल मार्ग अवरुद्ध हो गया। केदारनाथ यात्रा फिलहाल कुछ दिनों के लिए स्थगित कर दी गयी है।