महराजगंज: बंदूक लहराते हुए खुलेआम बसपा नेता परशुराम निषाद ने की गुंडागर्दी, वीडियो हुआ वायरल
रविवार की दोपहर फरेन्दा इलाके के नगवां ताल में मछली मारने से को लेकर हुए विवाद में फरेंदा विधानसभा के पूर्व बसपा प्रत्याशी परशुराम निषाद ने जमकर गुंडागर्दी की है। वह बंदूक लहराते हुए ग्रामीणों को ललकारने लगे फिर आक्रोशित ग्रामीणों ने मिलकर बुरी तरह निषाद को धोया। पिटाई से घायल निषाद की तहरीर पर पुलिस ने एकतरफा कार्यवाही में ग्रामीणों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। डाइनामाइट न्यूज़ एक्सक्लूसिव..
फरेन्दा (महराजगंज): कल दोपहर ये खबर आय़ी कि फरेन्दा इलाके के बसपा नेता परशुराम निषाद पर जानलेवा हमला किया गया है। जब डाइनामाइट न्यूज़ पर यह खबर वायरल हुई तो फिर एसपी रोहित सिंह सजवान ने सारी तस्वीर साफ की।
मामला ये था कि नगवा गांव में स्थित तालाब पर परशुराम निषाद के भाई जयसराम निषाद को 1 जुलाई से मछली का ठेका मिला है, गांव के लोग कल 30 जून को तालाब में मछली मार रहे थे इस पर परशुराम निषाद और कुछ लोगों के द्वारा वहां पहुंचकर गांव वालों को मछली मारने से मना किया गया, गांव वालों के द्वारा बताया गया कि आप का ठेका 1 जुलाई से है इसलिए आज आपको बोलने का कोई हक नही है। इसके बाद दोनों पक्षों में जमकर मारपीट और विवाद हुआ।
डाइनामाइट न्यूज़ के पास मौजूद वीडियो में साफ है कि किस तरह परशुराम कानून औऱ व्यवस्था की धज्जियां उड़ा बंदूक को लहराते हुए बवाल कर रहा है।
यह भी पढ़ें |
महराजगंज: फरेन्दा के बसपा नेता परशुराम निषाद पर जानलेवा हमला
यह भी पढ़ें: महराजगंज: हल्की बारिश से ही रोड पर हुआ जलभराव, चलना हुआ मुश्किल
बवाल के दौरान परशुराम के साथ उनके भाई व जिला पंचायत सदस्य जयसराम निषाद भी मौजूद थे। दोनों के बवाल के मूड को देख मौके पर बड़ी संख्या में ग्रामीण जुट गये जमकर परशुराम निषाद को धुनाई कर दी।
यह भी पढ़ें: भ्रष्ट अफसरों को घर भेजने का सीएम ने सुनाया फरमान, अधिकारी बेचैन
इसके बाद बृजमनगंज थाने की पुलिस ने एकतरफा कार्यवाही करते हुए घायल परशुराम निषाद के भाई जयसराम की तहरीर पर 10 नामजद व कई लोगों के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत किया है। निषाद की तहरीर पर पुलिस ने नगवा गांव निवासी राजू, बृजेश, धूप, रवि, सोनू,राधेश्याम, अमरजीत, रामू, मिथुन व हथियागड़वा निवासी वासुदेव के खिलाफ प्राण घातक हमला, डकैती इत्यादि गंभीर धाराओं मे मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।
अब बड़ा सवाल ये है कि पुलिस ने एकतरफा मुकदमा आखिर किसके दबाव में पंजीकृत किया। वीडियो में साफ तौर पर दिख रहा है कि परशुराम खुलेआम बंदूक लहराकर गांव वालों को ललकार रहा है और मारपीट के लिए उकसा रहा है। गांव वालों के मुताबिक शांति व्यवस्था भंग करने की पहली कोशिश भी परशुराम पक्ष ने की फिर आखिर पुलिस ने एकतरफा कार्यवाही क्यों की? क्या पुलिस इस बात की जिम्मेदार नही होगी यदि भविष्य़ में कभी यह घटना एक रंजिश का रुप अख्तियार कर ले तो?