मोबाइल गिरने पर बांध के बाहरी हिस्से से पानी निकलवाने वाले अधिकारी पर 53 हजार रुपये का जुर्माना
छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले में बांध के बाहरी हिस्से में मोबाइल गुम जाने के बाद 41 लाख लीटर पानी बाहर निकालने के आरोपी अधिकारी पर जल संसाधन विभाग ने 53,092 रूपए का जुर्माना लगाया है।
रायपुर: छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले में बांध के बाहरी हिस्से में मोबाइल गुम जाने के बाद 41 लाख लीटर पानी बाहर निकालने के आरोपी अधिकारी पर जल संसाधन विभाग ने 53,092 रूपए का जुर्माना लगाया है।
कांकेर जिले के अधिकारियों ने बताया कि जिले के पखांजूर क्षेत्र में स्थित परालकोट जलाशय के बाहरी हिस्से में मोबाइल गिरने के बाद खाद्य निरीक्षक राजेश विश्वास ने भारी मात्रा में पानी बर्बाद किया था, फलस्वरूप जिला प्रशासन ने विश्वास को निलंबित कर दिया था।
जल संसाधन विभाग ने विश्वास को लिखे पत्र में कहा है कि उन्होंने सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना डीजल पंप के जरिए भारी मात्रा में पानी निकालवाय था जो गैर कानूनी है तथा छत्तीसगढ़ सिंचाई अधिनियम के अंतर्गत दंड की श्रेणी में आता है।
पत्र के अनुसार विश्वास ने अपने निजी स्वार्थ के लिए 4104 घन मीटर (41 लाख लीटर) पानी बर्बाद किया। इसके लिए उसे 10.50 रुपए प्रति घन मीटर की दर से 43,092 रुपये देने को कहा गया है। इसमें कहा गया है कि बिना अनुमति के पानी निकालने पर 10 हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया है।
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पत्र में विश्वास को 10 दिनों के भीतर विभाग को कुल 53,092 रुपए का भुगतान करने के लिए कहा गया है।
जिला प्रशासन के एक अधिकारी ने बताया कि विश्वास 21 मई को अपने दोस्तों के साथ जलाशय में घूमने गए थे, तभी सेल्फी लेने के दौरान उनका मोबाइल फोन पानी में गिर गया था।
उन्होंने बताया कि विश्वास ने कथित तौर पर मोबाइल बरामद करने के लिए 25 मई तक ग्रामीणों की मदद से बांध से पानी खाली करने के लिए डीजल पंप लगाया था।
अगले दिन मामला सामने आने के बाद कांकेर की जिलाधिकारी प्रियंका शुक्ला ने इस संबंध में रिपोर्ट मांगी, जिसके बाद अधिकारी को निलंबित कर दिया गया।
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जिलाधिकारी ने जल संसाधन विभाग के अनुविभागीय अधिकारी (एसडीओ) आर सी धीवर को बांध से पानी निकालने की कथित तौर पर मौखिक अनुमति देने पर कारण बताओ नोटिस भी जारी किया है।
एसडीओ धीवर के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर जिलाधिकारी ने जल संसाधन विभाग के सचिव को पत्र भी लिखा था।