DUSU Election Result 2023: दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव में ABVP की तीन पदों पर जीत, NSUI को मिली एक सीट
दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (DUSU) के चुनाव परिणाम घोषित हो गये हैं। इन चुनावों में आरएसएस से संबद्ध एबीवीपी (ABVP) ने चार में से तीन पदों पर कब्जा किया है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (DUSU) के चुनाव परिणाम घोषित हो गये हैं।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से संबद्ध अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने शनिवार को दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) की चार सीट में से तीन सीट पर जीत दर्ज की जबकि एक सीट कांग्रेस से संबद्ध एनएसयूआई के खाते में गई।
एबीवीपी के तुषार डेढ़ा डूसू के अध्यक्ष चुने गए जिन्होंने ‘नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया’ (एनएसयूआई) के हितेश गुलिया को हराया।
कांग्रेस की छात्र इकाई के अभी दहिया ने डूसू के उपाध्यक्ष पद पर जीत दर्ज की है। एबीवीपी की अपराजिता और सचिन बैसला क्रमश: सचिव और संयुक्त सचिव निर्वाचित हुए हैं।
दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) के लिए शुक्रवार को मतदान हुआ था और शनिवार को मतों की गिनती कराई गई।
यह भी पढ़ें |
DUSU Election Results 2019: डूसू पर लहराया ABVP का परचम, अध्यक्ष समेत जीती तीन सीटें
डूसू चुनावों में हमेशा एबीवीपी और एनएसयूआई के बीच सीधी टक्कर देखने को मिली है।
इससे पहले डूसू चुनाव 2019 में हुए थे। कोविड-19 महामारी के कारण 2020 और 2021 में चुनाव नहीं कराए जा सके थे, जबकि शैक्षणिक कैलेंडर में संभावित व्यवधान के कारण 2022 में भी चुनाव नहीं हुआ था।
इस साल डूसू के चार पदों के लिए कुल 24 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे थे।
चुनाव के लिए मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रोफेसर चंद्रशेखर ने बताया कि इस चुनाव में 42 प्रतिशत मतदान हुआ। चुनाव में करीब एक लाख छात्र मतदान करने के लिए पात्र थे।
इससे पहले 2019 में हुए डूसू चुनाव में मतदान प्रतिशत 39.90 रहा था जबकि 2018 और 2017 में मतदान प्रतिशत क्रमश: 44.46 और 42.8 फीसदी रहा था।
यह भी पढ़ें |
DUSU Election: डूसू चुनाव में हंगामे के बीच मतदान, कौन मारेगा बाजी
केंद्रीय पैनल के लिए 52 कॉलेज और विभागों में चुनाव ईवीएम के माध्यम से कराए गए, जबकि कॉलेज संघ चुनावों के लिए मतदान कागजी मतपत्र पर हुआ।
फीस वृद्धि, किफायती आवास का अभाव, कॉलेज में विभिन्न कार्यक्रमों के आयोजन के दौरान सुरक्षा और मासिक धर्म अवकाश चुनाव में छात्रों के लिए मुख्य मुद्दे रहे।
एबीवीपी, एनएसयूआई, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी समर्थित ‘स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया’ (एसएफआई) और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी-मार्क्सवादी लेनिनवादी (भाकपा-माले) से संबद्ध ‘ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन’ (आइसा) ने सभी चार पदों के लिए उम्मीदवारों को चुनाव मैदान में उतारा है। एबीवीपी ने 2019 डूसू चुनाव में चार पदों में से तीन पर जीत दर्ज की थी।
दिल्ली विश्वविद्यालय के अधिकतर कॉलेज और संकायों के लिए डूसू मुख्य प्रतिनिधि निकाय है। हर कॉलेज का अपना अलग छात्र संघ भी है, जिसके लिए प्रति वर्ष चुनाव होता है।