असम और यूपी के बाद अब इस राज्य में होगी कट्टरता का पाठ पढ़ाने वाले मदरसों की जांच, CM ने जारी कर दिया आदेश
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार को कट्टरता सिखाने वाले प्रदेश के अवैध मदरसों और संस्थानों की ''समीक्षा'' करने का आदेश दिया है। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर
भोपाल: मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार को कट्टरता सिखाने वाले प्रदेश के अवैध मदरसों और संस्थानों की ''समीक्षा'' करने का आदेश दिया है।
मुख्यमंत्री ने त्योहारों से पहले कानून व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा करने के लिए अपने आधिकारिक आवास पर बैठक करने के बाद इस निर्णय के बारे में ट्वीट किया।
बैठक में गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा और वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार चौहान ने बाद में ट्वीट किया, ‘‘ मध्यप्रदेश में अवैध मदरसे, संस्थान, जहां कट्टरता का पाठ पढ़ाया जा रहा है, उसकी समीक्षा की जायेगी। कट्टरता और अतिवाद बर्दाश्त नहीं किया जायेगा।’’
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उन्होंने आनलाइन जुए को भी एक नई समस्या के तौर पर बताया।
उन्होंने पत्रकारों से कहा, ‘‘ ऑनलाइन गैंबलिंग बड़ी समस्या है। प्रदेश में वर्तमान में जुआ अधिनियम 1876 का है। इसमें ऑनलाइन गैंबलिंग के विरुद्ध कोई प्रावधान नहीं है। हमने फैसला किया है कि वर्तमान जुआ अधिनियम के स्थान पर मध्य प्रदेश जुआ अधिनियम 2023 बनाया जाएगा।’’
बैठक के दौरान चौहान ने कहा कि राज्य पुलिस में कानून व्यवस्था के मामले में देश का नंबर एक राज्य बनाने की क्षमता है।
उन्होंने कहा कि माफिया गिरोह की तरह काम करने वालों का सफाया होना चाहिए।
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मिश्रा ने संवाददाताओं से कहा कि मुख्यमंत्री ने त्योहारों को लेकर सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने वालों के अलावा जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश (जेएमबी) और पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया जैसे संगठनों पर भी नजर रखने के सख्त निर्देश दिए हैं।
जेएमबी के कुछ सदस्यों को कथित अवैध गतिविधियों के लिए इस साल की शुरुआत में प्रदेश से गिरफ्तार किया गया था।