सरकार के आश्वासन के बाद किसानों का पीपली में चल रहा आंदोलन खत्म, जानिये ये बड़े अपडेट
सूरजमुखी के बीज के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की मांग को लेकर हरियाणा के कुरुक्षेत्र के पीपली में प्रदर्शन कर रहे किसानों ने राज्य सरकार से फसल के लिए ‘‘उचित मूल्य’’ के आश्वासन के बाद मंगलवार रात को अपना आंदोलन समाप्त कर दिया। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर
कुरुक्षेत्र: सूरजमुखी के बीज के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की मांग को लेकर हरियाणा के कुरुक्षेत्र के पीपली में प्रदर्शन कर रहे किसानों ने राज्य सरकार से फसल के लिए ‘‘उचित मूल्य’’ के आश्वासन के बाद मंगलवार रात को अपना आंदोलन समाप्त कर दिया।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि शाम को जिला प्रशासन के साथ नये सिरे से बातचीत के बाद, किसानों ने कुरुक्षेत्र के पीपली में विरोध प्रदर्शन समाप्त कर दिया और राष्ट्रीय राजमार्ग से नाकाबंदी हटा ली जाएगी।
कुरुक्षेत्र के उपायुक्त शांतनु शर्मा ने कहा कि प्रदर्शनकारी किसानों को सूरजमुखी की फसल के ‘‘उचित मूल्य’’ का आश्वासन दिया गया है।
सूरजमुखी के बीज के लिए एमएसपी की किसानों की मांग को लेकर हरियाणा के कुरुक्षेत्र जिले के पीपली में राष्ट्रीय राजमार्ग मंगलवार को लगातार दूसरे दिन अवरुद्ध रहा।
सोमवार को और मंगलवार को दिन में किसानों और जिला प्रशासन के बीच वार्ता में कोई प्रगति नहीं हुई, लेकिन शाम को इसमें सफलता मिली।
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इससे पहले टिकैत ने राज्य सरकार से मांग स्वीकार करने या किसानों को जेल भेजने के लिए कहा था।
प्रदर्शनकारी किसानों ने इस मुद्दे पर एक महापंचायत आयोजित करने के बाद सोमवार दोपहर से पीपली के पास राजमार्ग (एनएच-44) को अवरुद्ध कर दिया था। यह राजमार्ग दिल्ली को चंडीगढ़ तथा कुछ अन्य मार्ग से जोड़ता है।
किसान मांग कर रहे थे कि राज्य सरकार सूरजमुखी को 6,400 रुपये प्रति क्विंटल के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदे।
भावांतर भरपाई योजना के तहत राज्य सरकार एमएसपी से नीचे बेची जाने वाली सूरजमुखी की फसल के लिए अंतरिम समर्थन के रूप में 1,000 रुपये प्रति क्विंटल दे रही है।
उपायुक्त ने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने शाहाबाद में सूरजमुखी के लिए 20,000 मीट्रिक टन प्रसंस्करण के लिए एक इकाई स्थापित करने का वादा किया था और इसे जल्द ही पूरा किया जाएगा।
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यहां पत्रकारों से बात करते हुए टिकैत ने कहा कि सरकार के साथ बातचीत कर रही किसानों की एक स्थानीय समिति शाम को एक समझौते पर पहुंची, जिसके अनुसार सरकार उनकी एमएसपी की मांग पर सहमत हो गई और हाल में शाहाबाद विरोध प्रदर्शन के दौरान गिरफ्तार किसानों को रिहा करने पर भी सहमत हो गई।
उन्होंने कहा, ‘‘यहां हमारा आंदोलन यह था कि एमएसपी पर खरीद होनी चाहिए। हमने केंद्र द्वारा तय की गई दर की मांग की थी।’’
टिकैत ने कहा, ‘‘हर राज्य में एमएसपी की दर देनी होगी। एमएसपी की कानूनी गारंटी को लेकर देश में बड़े आंदोलन की जरूरत होगी। शुरुआत यहां से हुई है।’’
उन्होंने कहा कि यहां विरोध समाप्त हो गया है और सड़क से प्रदर्शनकारी हट गये हैं।