किसानों ने सूरजमुखी बीज के लिए एमएसपी की मांग को लेकर महापंचायत के बाद दिल्ली-चंडीगढ़ राजमार्ग बाधित किया
किसानों ने सूरजमुखी के बीज के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की मांग पर जोर देने को लेकर सोमवार को हरियाणा के कुरुक्षेत्र जिले के पिपली में महापंचायत करने के बाद दिल्ली-चंडीगढ़ राजमार्ग बाधित कर दिया।
कुरुक्षेत्र: किसानों ने सूरजमुखी के बीज के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की मांग पर जोर देने को लेकर सोमवार को हरियाणा के कुरुक्षेत्र जिले के पिपली में महापंचायत करने के बाद दिल्ली-चंडीगढ़ राजमार्ग बाधित कर दिया।
भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) द्वारा बुलाई गई 'एमएसपी दिलाओ, किसान बचाओ महापंचायत' राष्ट्रीय राजमार्ग 44 के पास पिपली में एक अनाज मंडी में आयोजित की गई थी।
महापंचायत के बाद किसान राजमार्ग पर जमा हो गए और उसे अवरुद्ध कर दिया। पुलिस ने यातायात को दूसरी ओर मोड़ दिया।
महापंचायत में किसान नेता करम सिंह मथाना ने कहा कि स्थानीय प्रशासन ने उनकी मांगों पर चर्चा के लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के साथ एक बैठक का आश्वासन दिया था। उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि अब वे कह रहे हैं कि मुख्यमंत्री करनाल से निकल गए हैं।’’
मथाना ने कहा, ‘‘इस वजह से महापंचायत का आयोजन करने वाली स्थानीय समिति ने हमारी मांगें पूरी होने तक राष्ट्रीय राजमार्ग-44 को बंद करने का फैसला किया।’’
भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) के प्रमुख गुरनाम सिंह चढूनी के नेतृत्व में किसानों ने छह जून को शाहाबाद के पास राष्ट्रीय राजमार्ग को इस मांग के साथ छह घंटे से अधिक समय तक जाम कर दिया था कि सरकार सूरजमुखी के बीज न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीदे। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पानी की बौछार का इस्तेमाल करने के साथ ही लाठीचार्ज किया था।
बाद में, बीकेयू (चढूनी) के अध्यक्ष सहित इसके नौ नेताओं को दंगा और गैर-कानूनी सभा सहित विभिन्न आरोपों में गिरफ्तार किया गया था।
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सोमवार को महापंचायत में शामिल हुए भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार को एमएसपी पर सूरजमुखी की खरीद करनी चाहिए और शाहाबाद में गिरफ्तार किसान नेताओं को रिहा करना चाहिए।
महापंचायत को संबोधित करते हुए टिकैत ने घोषणा की कि ‘‘केंद्र सरकार द्वारा किये गए वादे के अनुसार अगर एमएसपी के लिए एक कानून नहीं लाया गया तो संयुक्त किसान मोर्चा एक अखिल भारतीय आंदोलन शुरू करेगा।’’
उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार एमएसपी की घोषणा तो करती है लेकिन उस दर पर उसकी खरीद करने में विफल रहती है।
टिकैत ने 6 जून को राष्ट्रीय राजमार्ग-44 को अवरुद्ध करने को लेकर चढूनी और किसानों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई की निंदा की और सवाल किया, 'बीकेयू (चढूनी) नेता ने जब सूरजमुखी की फसल के लिए एमएसपी की मांग की थी तो उन्होंने क्या गलत किया।’’
महापंचायत में विभिन्न खाप के नेताओं और भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के नेता राकेश टिकैत के अलावा, भारतीय कुश्ती महासंघ के निवर्तमान प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे ओलंपिक पदक विजेता पहलवान बजरंग पूनिया भी मौजूद थे।
महापंचायत को संबोधित करते हुए, कुछ किसान नेताओं ने सरकार की उसकी 'किसान विरोधी' नीतियों और किसान नेताओं के खिलाफ पुलिस कार्रवाई के लिए आलोचना की। उन्होंने मांग की कि सरकार एमएसपी पर सूरजमुखी के बीज खरीदे और हाल ही में शाहाबाद में गिरफ्तार किए गए प्रदर्शनकारियों को रिहा किया जाए।
किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए पुलिस के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। बीकेयू नेताओं ने महापंचायत को सुचारू रूप से आयोजित करने के लिए रविवार रात वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक की।
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हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने शनिवार को 36,414 एकड़ में उगने वाले सूरजमुखी के लिए 8,528 किसानों को अंतरिम मुआवजे के रूप में 29.13 करोड़ रुपये जारी किए थे। किसान मांग कर रहे हैं कि राज्य सरकार सूरजमुखी को 6,400 रुपये प्रति क्विंटल के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदे।
भावांतर भरपाई योजना के तहत राज्य सरकार एमएसपी से नीचे बेची जाने वाली सूरजमुखी की फसल के लिए अंतरिम समर्थन के रूप में 1,000 रुपये प्रति क्विंटल दे रही है।
महापंचायत को संबोधित करते हुए बजरंग पूनिया ने कहा कि पहलवानों ने अपना आंदोलन 15 जून तक के लिए स्थगित कर दिया है और अगर उस समय तक बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ कड़ी कार्रवाई नहीं की गई तो उनके अगले कदम की घोषणा की जाएगी।
केंद्र सरकार ने पहलवानों को आश्वासन दिया था कि भारतीय कुश्ती महासंघ के निवर्तमान प्रमुख सिंह के खिलाफ 15 जून तक आरोपपत्र दायर किया जाएगा, जिसके बाद उन्होंने अपना विरोध प्रदर्शन रोक दिया था।
पूनिया ने कहा कि उन्हें अपने संघर्ष में विभिन्न खाप और अन्य संगठनों का पूरा समर्थन मिल रहा है।