यूपी में करोड़ों के जाली नोट छापने से पहले ही गैंग का सरगना 5 गुर्गों संग गिरफ्तार, जानिये चौंकाने वाला खुलासा
उत्तर प्रदेश में करोड़ों रूपये के जाली नोट छापने की योजना को पुलिस ने फेल कर दिया है। पुलिस ने गैंग के सरगना समेत पांच लोगों को गिरफ्तार किया, जिसमें कई चौकाने वाले खुलासे सामने आये हैं। पढिये डाइनामाइट न्यूज की पूरी रिपोर्ट
लखनऊ: उत्तर प्रदेश की फिरोजाबाद पुलिस ने पुलिस अधीक्षक अजय कुमार के नेतृत्व में नकली भारतीय करेंसी (नोट) छापने के मामले में गैंग के सरगना समेत पांच अभियुक्तों को गिरफ्तार किया था। जाली नोट छापने वाले इन आरोपियों के पास से पुलिस ने गुरूवार को सौ-सौ रूपये के 1,92,000/ रूपये के जाली नोट, नकली नोट छापने की मशीन, भारी मात्रा में उपकरण समेत अवैध असलाह बरामद किये। पुलिस ने इस मामले में अब एक और बड़ा खुलासा किया है। गिरफ्तार आरोपी यूपी के कई क्षेत्रों में अपना मजबूत नेटवर्क बनाने में जुटे थे और अगले कुछ दिनों में वे करोड़ों रूपये के जाली नोट छापकर इसे बाजार में खपाने की योजना बना रहे थे।
पुलिस के ताजे खुलासे के अनुसार जाली नोट छापने वाले गिरोह के सरगना तजेंद्र के इरादे पश्चिमी उत्तर प्रदेश राज्य के कई इलाकों में जाली नोट छापकर उनकी सप्लाई को बढाना था। वह फिरोजाबाद में रहकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अपना बड़ा नेटवर्क खड़ा करना चाहता था और उसकी योजना अगले कुछ दिनों में 100 करोड़ रूपये मूल्य के जाली नोट छापने की थी। लेकिन वह अपनी इस योजना को अमल में लाता, इससे पहले ही पुलिस ने उसे दबोच लिया।
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गैंग का सरगना तजेंद्र अपने जाली नोट के ‘कारोबार’ को मेरठ, मुरादाबाद, गाजियाबाद, नोएडा, मुजफ्फरनगर समेत कई जिलों में फैलाना चाहता था। इसके लिये उसने बकायदा अपने गुर्गे भी काम पर लगा लिये थे। इसके एवज में वह अपने गुर्गों को मोटा पैसा देने की योजना बना रहा था। अब तक की जानकार के मुताबिक तजेंद्र जाली नोटों को बाजार में खपाने के लिये अपने गुर्गों को 40 प्रतिशत कमीशन दिया करता था।
पुलिस ने तजेंद्र द्वारा शिकोहाबाद में एक छोटे से मकान में जाली नोट छापने का कारखाना भी सील कर दिया है। वह इसी कारखाने से यूपी के बाजारों के लिये बड़े पैमाने पर जाली नोट छापने की योजना पर काम कर रहा था। लेकिन इससे पहले ही शिकोहाबाद थाना पुलिस ने उसे दबोच लिया।
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पुलिस अधीक्षक अजय कुमार का कहना है कि गिरफ्तार किया गया गैंग का सरगना तजेंद्र इंटर फेल है और इससे पहले भी वह जाली नोटों को छापने के मामले में जेल भी जा चुका था। लेकिन तब हल्की धाराएं होने के कारण उसे जमानत मिल गई और वह जेल से बाहर आ गया। जेल से बाहत आते ही तजेंद्र ने लॉकडाउन में शिकोहाबाद के आवास विकास कॉलोनी में किराए पर एक छोटा सा मकान लिया और अपने गुर्गों के साथ फिर से नकली नोट छापने लगा। शिकोहाबाद पुलिस तजेंद्र के पूरे नेटवर्क का खुलासा करने में जुटी हुई है।