लखनऊ: मेट्रो में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी, पुलिस की गिरफ्त में गिरोह

डीएन संवाददाता

लखनऊ में बेरोजगार युवकों को मेट्रो में नौकरी दिलाने वाले गिरोह का पर्दाफाश। ठगी करने वाले गिरोह को पुलिस ने पकड़ा।

पुलिस की गिरफ्त में आरोपी
पुलिस की गिरफ्त में आरोपी


लखनऊ: विभूतीखंड में बेरोजगार युवकों को मेट्रो में नौकरी दिलाने का झांसा देकर ठगी करने वाले एक बड़े गैंग का खुलासा बुधवार को हुआ। काफी लम्बे समय से ठगी करने वाले रैकेट का खुलासा हुआ। विभूतीखंड में किराये के आफिस में गैंग बेरोजगार युवकों से मेट्रो में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करते थे।

दीपक कुमार, एसएसपी

लखनऊ के एसएसपी दीपक कुमार ने प्रेस कान्फ्रेंस कर मामले का खुलासा किया। पुलिस की गिरफ्त में पांच आरोपियों के नाम सुनील प्रताप सिंह, हिमांशु सिंह, रिषभ सिंह, नीरज कुमार चौहान और जितेन्द्र सिंह हैं। इस धोखाधड़ी का मास्टर माइंड गाजीपुर निवासी जितेन्द्र सिंह है। सभी आरोपियों के पास से पुलिस को 2 लैपटाप, कई रिज्यूम और 6 मोबाइल फोन बरामद हुये हैं।

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मामले का खुलासा तब हुआ जब आशियाना की निधी ने अपने भाई के साथ हुए धोखा-धड़ी के बारे में थाना विभूतीखंड में सूचना दी। युवती ने पुलिस को बताया की उसके भाई राजेश पाल को मेट्रो मे सुपरवाइजर की नौकरी दिलाने के बदले में नीरज चौहान नाम के शख्स ने 4 लाख रुपयों की मांग की। उन्होनें 1 लाख 25 हजार चेक के रुप में और 25 हजार रूपये नकद दिये। वहीं पैसे देने के 6 महीने से ज्यादा बीतने पर जब उसके भाई राजेश को मेट्रो में नौकरी नहीं मिली तो उसने अपने पैसे वापस मांगे। पैसे तो वापस नहीं मिले लेकिन जान से मार डालने की धमकियां मिलने लगी। तब उन्होनें इसकी जानकारी पुलिस को दी। ठगी के मामले का पता चलने पर पुलिस ने छापा मारकर सभी 5 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।

 

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