कैशलेस हो गया एम्स,की ये नई शुरुआत
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने सोमवार को यहां अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में ‘एम्स-एसबीआई’ स्मार्ट भुगतान कार्ड की शुरुआत की जिससे एम्स में नगदी रहित भुगतान का रास्ता साफ हो गया है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
नयी दिल्ली: केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने सोमवार को यहां अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में ‘एम्स-एसबीआई’ स्मार्ट भुगतान कार्ड की शुरुआत की जिससे एम्स में नगदी रहित भुगतान का रास्ता साफ हो गया है।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि इस कार्ड से एम्स दिल्ली में कैंटीन सहित उपचार संबंधी किसी भी सेवा के लिए नकद भुगतान बंद हो जाएगा। मरीज इस कार्ड में राशि जमा कर सकते हैं और इसे एम्स के विभिन्न ब्लॉक में बने केन्द्रों पर रिचार्ज कर सकते हैं।
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सतर्क रहने की जरूरत है, घबराने की नहीं
केंद्रीय मंत्री ने स्मार्ट पेमेंट कार्ड को ‘वन एम्स, वन कार्ड’ के रूप में संदर्भित करते हुए कहा कि तत्काल भुगतान संबंधी आवश्यकता पड़ने पर मरीज के इलाज के लिए अब देश भर से कोई भी आसानी से और तेजी से धनराशि स्थानांतरित कर सकता है।
उन्होंने कहा, ‘‘ शीघ्र अन्य एम्स में भी यह सुविधा शुरू की जाएगी।’’
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डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के अनुसार मांडविया ने कहा, ‘‘एम्स स्मार्ट पेमेंट कार्ड दूर-दराज के इलाकों के मरीजों के अस्पताल में नकदी लाने की समस्या को दूर करेगा। इलाज पूरा होने पर कार्ड में बची शेष राशि मरीज के खाते में स्थानांतरित कर दी जाएगी या उसे वापस दे दी जाएगी।’’
एसबीआई-एम्स स्मार्ट कार्ड सभी मरीजों को मुफ्त प्रदान किया जा रहा है और इसमें कोई सेवा शुल्क नहीं है। दिल्ली एम्स में स्मार्ट कार्ड सुविधा चरणों में शुरू की जाएगी।