Akash Anand: जानिये कौन हैं आकाश आनंद, जो संभालेंगे BSP और पार्टी चीफ मायावती की विरासत को
उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने लखनऊ में रविवार को एक बड़ा ऐलान को आकाश आनंद को अपना उत्तराधिकारी घोषित किया है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ इस रिपोर्ट में जानिये आकाश आनंद के बारे में
लखनऊ: उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने रविवार को बड़ा ऐलान किया है। लखनऊ में आयोजित एक बड़ी पार्टी मीटिंग में मायावती ने अपने भतीजे आकाश आनंद को अपना उत्तराधिकारी घोषित किया है। आकाश आनंद अब कांशीराम द्वारा स्थापित बसपा के साथ ही मायावती की विरासत को संभालेंगे और इसे आगे बढ़ाएंगे।
लखनऊ में 28 राज्यों के पार्टी पदाधिकारियों के साथ डेढ़ घंटे चली बैठक के बाद मायावती की ओर आकाश आनंद को उनका उत्तराधिकारी घोषित किया गया।
डाइनामाइट न्यूज़ की इस रिपोर्ट में जानिये आखिर कौन है आकाश आनंद।
आनंद कुमार के बेटे
आकाश आनंद बसपा सुप्रीमो मायावती के छोटे भाई आनंद कुमार के बेटे हैं। राजनीति में उनकी एंट्री 2017 में हुई थी और सहारनपुर की एक रैली में वह पार्टी प्रमुख मायावती के साथ पहली बार मंच पर नजर आये थे।
आकाश आनंद की सियासी लॉंचिंग
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इस रैली को आकाश आनंद की सियासी लॉंचिंग के रूप में भी जाना जाता है। उनको मायावती के साथ देख तबसे ही इस बात के कयास लगाये जाने लगे कि आगे चलकर वे ही मायावती के उत्तराधिकारी हो सकते हैं।
2017 में आकाश आनंद की राजनीतिक लॉंचिंग के बाद वे बीच बीच में कुछ रैलियों में जरूर नजर आये लेकिन सुर्खियां नहीं बटोर सके।
6 सालों में पार्टी में सक्रियता
आकाश आनंद को समय-समय पर मायावती ने राजनीतिक जिम्मेदारियां भी सौंपी। वे पार्टी की बैठकों और सभाओं में भी शिरकत करते रहे। पिछले 6 सालों में आकाश की सक्रियता पार्टी में लगातर बढ़ती रही है।
पढ़ाई-लिखाई
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आकाश आनंद की पढ़ाई-लिखाई की बात करें तो बता दें कि उनकी स्कूलिंग गुड़गांव में हुई। आगे की पढ़ाई उन्होंने लंदन से की। आकाश आनंद लंदन से मास्टर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन (MBA) कर चुके हैं।
लंदन से लौटने के बाद मायावती ने अलग-अलग मौकों पर आकाश को पार्टी से जोड़े रखा और पार्टी कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों से उनका परिचय करवाया।
आकाश के सामने चुनौतियों का पहाड़
इसमें कोई दो राय नहीं कि आकाश आनंद के रूप में बसपा को एक युवा चेहरा मिला है। लेकिन राजनीतिक तौर पर बसपा की जमीनी मजबूती उतनी नहीं रही जितनी पहले हुआ करती थी। इस लिहाज से आकाश आनंद के कंधों पर बसपा के नेतृत्व को मजबूती देने, पार्टी को आगे बढ़ाने और सियासी जमीन को विस्तारित करने जैसी कई चुनौतियां है। उनके सामने पार्टी और सियासत के मोर्चे पर पहाड़ जैसी चुनौतियां है। आकाश इन सभी चुनौतियों से कैसे पार पाते हैं, यह बड़ा सवाल अभी भी बना हुआ है।